कर्नाटक विधानसभा चुनाव : सामूहिक नेतृत्व में कांग्रेस लड़ेगी चुनाव, नहीं घोषित करेगी अपना CM उम्मीदवार

कर्नाटक : कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अब 10 महीने का वक्त बचा है। ऐसे में दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा ने इस चुनाव को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसी बीच बड़ी खबर कांग्रेस खेमे से सामने आ रही है जहां पार्टी ने ये तय किया है की वो सामूहिक नेतृत्व में लड़े। सूत्रों की मानें तो कर्नाटक कांग्रेस का एक धड़ा चाहता है कि आगामी विधानसभा चुनाव में किसी को मुख्यमंत्री चेहरा न घोषित करके, सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाए।

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस को लगता है कि इस बार कर्नाटक में सत्ताधारी भाजपा को चुनौती देने के लिए सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाना जरूरी है. दक्षिण के इस महत्वपूर्ण राज्य में सत्ता पाने के लिए पार्टी को चुनावी मैदान में पूरी एकजुटता के साथ उतरना चाहिए। सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक कांग्रेस के शीर्ष दो नेताओं के साथ राहुल गांधी की बैठक के दौरान एक आंतरिक सर्वेक्षण पर विस्तार से चर्चा हुई। कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव की समीक्षा बैठक के दौरान यह फैसला किया कि उसका फोकस घर-घर जाकर प्रचार करने पर रहेगा।

बता दे कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार और नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया ने बीते दो दिनों तक दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ बैठक की। कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और संगठन प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल भी इस बैठक में शामिल हुए। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करने के लिए समूह चर्चा के अलावा, सिद्धारमैया और शिवकुमार ने राहुल गांधी के साथ आमने-सामने की बैठक की।

चिंतन-मनन के बाद पार्टी ने यह तय किया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव सामूहिक प्रयासों से लड़ेगी। यह कहा जा रहा है कि सिद्धारमैया और शिवकुमार को कांग्रेस की कर्नाटक राज्य इकाई में मतभेदों को दूर करने के लिए आलाकमान ने दिल्ली बुलाया था। हालांकि, सिद्धारमैया का कहना है की ‘मेरे और शिवकुमार के बीच कोई मतभेद नहीं हैं। हमारी (राहुल गांधी के साथ) बैठक सिर्फ विधानसभा चुनाव के संबंध में आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए थी। कर्नाटक में कांग्रेस पूरी एकजुटता के साथ चुनाव लड़ेगी।

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