सभी खबरें

बिना सर-पैर की बात, मॉब लिन्चिंग के खिलाफ कानून में गोशाला का क्या लेना देना,

मध्य प्रदेश / मॉब लिंचिंग की घटना रोकने संबंधी विधेयक पर गोशाला वाले एनजीओ से लेंगे सुझाव

मॉब लिंचिंग की घटनाएँ लगातार बढ़ रही है जिसे रोकने के लिए विधानसभा में आए मप्र गोवंश वध प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पर गौशाला चलाने वाले एनजीओ से सुझाव लिए जाएंगे। बुधवार को विधानसभा की प्रवर समिति की पहली बैठक में इस पर विचार हुआ. वहीं भाजपा सदस्योंं ने इसका विरोध करते हुए कानून पर गंभीरता से विचार करने की बात कही है। विधानसभा के पिछले सत्र में यह संशोधन विधेयक पेश किया गया था और भाजपा विधायक ने इसका पूर्णतः विरोध किया था. 

उसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे प्रवर समिति को सौंपने की बात कही और अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने इसे प्रवर समिति के पास भेज दिया। हुई बैठक में भाजपा विधायकों अजय विश्नोई व रामेश्वर शर्मा का कहना है कि संशोधनों पर विचार करना चाहिए। उनका कहना कि इससे गो तस्करों के हौसले बढ़ सकते है, कहीं भी गो तस्करी को रोकने का प्रयास किया तो इसे मॉब लिंचिंग कह देंगे। यह एकतरफा है कि विधेयक में सिर्फ मॉब लिंचिंग पर फोकस किया है.

समिति ने निर्णय लिया है कि मॉब लिंचिंग से सम्बंधित जितने भी पुराने क़ानून है, अन्य देशों में क्या कानून है उनका अध्यन किया जायेगा।
इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति भी मौजूद थे. मंत्री पीसी शर्मा, मंत्री लाखन सिंह यादव, कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी, प्रमुख सचिव सत्येंद्र कुमार सिंह आदि शामिल हुए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button