पत्रकार ने दी बागेश्वर धाम महाराज को चुनौती ’10 मिनिट में होगा एक्सपोज’

भोपाल। बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जुड़े विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। लगातार एक के बाद एक कई तरह के नए नए विवाद सामने आ रहे हैं। अब इसी कड़ी में पत्रकार भी शामिल हो गए हैं। हाल ही में उन्होने इ आयोजन में पत्रकारों के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया है, उसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। इसी बीच राजधानी भोपाल के एक पत्रकार गोविंद गुर्जर ने उन्हें चुनौती देते हुए दावा किया कि वो दस मिनिट में उनके पाखंड का खुलासा कर देंगे।

नया विवाद
पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। नागपुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने उनके ऊपर जादू टोना और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया। जिसके बाद बाबा ने सारे आरोपों को नकार दिया। और सभी बाबा के सभी भक्त उनके पक्ष में जमा हो गए। जिसमें आम आदमी से लेकर नेता, अभिनेता, बिजनेसमैन और तमाम सेलिब्रिटी शामिल है। इसी बीच उन्होंने एक पत्रकार से बात करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जिसने फिर नए विवाद को जन्म दे दिया। उन्होने कहा कि ‘आज के बाद अब अंधविश्वासी कहना बंद कर देना वरना नंगा कर दिया जाएगा। हम हनुमान जी के सेवक हैं उनकी कृपा को पाया है। आज के बाद हम किसी को प्रमाण पत्र नहीं देंगे और सफाई नहीं देंगे ये शपथ गद्दी से लेते हैं।

वरिष्ठ पत्रकार की चुनौती
जिसके बाद राजधानी के एक वरिष्ठ पत्रकार गोविंद गुर्जर ने चुनौती देते हुए कहा कि वो सिर्फ दस मिनिट में उनके पाखंड को एक्सपोज़ कर देंगे। गोविंद गुर्जर ने ट्वीट कर लिखा कि ‘दुनिया बनाने वाली शक्ति के अलावा कोई नहीं,जो किसी के मन की बात जान सके,ऐसे दावे ट्रिक्स और चालाकी से ज्यादा कुछ नहीं,हैरानी है ऐसे लोगों पर,जो मौका मिलने पर भी धीरेन्द्र जी के इस पाखंड को एक्सपोज नहीं कर सके! मैं देता हूं चुनौती,10 मिनट में पर्चे के पाखंड को एक्सपोज कर सकता हूं।’ उन्होने कहा कि वे सनातन धर्म पर विश्वास करते हैं लेकिन पाखंड और आडंबर का विरोध करते हैं। किसी भी तरह की अंधश्रद्धा को बढ़ावा देना बिल्कुल ठीक नहीं इसीलिए वो बागेश्वर धाम महाराज को खुली चुनौती दे रहे हैं।

ट्वीट करने के कुछ देर बाद ही पत्रकारों का बड़ा तबका गोविंद गुर्जर के समर्थन में सामने आ गया। अब ये देखना बेहद खास होगा कि क्या बाबा नागपुर की अंधविश्वास उन्मूलन समिति की तरह पत्रकार गोविंद गुर्जर की चुनौती स्वीकार करेंगे?

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