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जबलपुर : PM आवास योजना ने तोड़ा दम, पूर्व मंत्री सहित BJP MLA ने उठाए सवाल, सरकार ने दिलाया भरोसा 

मध्यप्रदेश/जबलपुर – मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने 2014 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत खुद का घर होने का सपना प्रदेश की जनता को दिखाया था। शुरुआती दौर में तो यह योजना कुछ हद तक सफल हुई पर समय बीतने के बाद योजना ने दम तोड़ना शुरू कर दिया। इस योजना का मध्यप्रदेश में इतना बुरा हाल हुआ कि दो साल बीत जाने के बाद भी हितग्राही खुले आसमान में रहने को मजबूर हैं। 

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शिवराज सरकार ने प्रदेश की हर जनता को एक सपना दिखाया था कि उनका एक अपना घर होगा। इस योजना को लेकर जनता ने अपने कच्चे मकान को छोड़कर पक्का मकान बनवाने की हामी भी भर दी। इस योजना में सरकार के द्वारा जो आश्वासन जनता को दिया था वह पूरी तरह से अधूरा ही रह गया ऐसे में आज सरकार की योजना के सामने जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही हैं।

आलम यह हुआ कि अच्छे खासे मकान को हितग्राहियों ने सरकार की योजना के तहत तोड़ दिया। बाद में ये नतीजा हुआ कि सरकार की तरफ से सिर्फ एक क़िस्त मिलने के बाद दूसरी किस्त की राशि आना बंद हो गई। ऐसे में सरकार की तरफ से मिली पहली किस्त की राशि से हितग्राही ने अपने घर में दीवार तो खड़ी कर ली पर उसके ऊपर छत नहीं डाल पाई। यही हाल सावित्री बर्मन का है जिसने सरकार की बात मानकर अपने कच्चे मकान को तोड़ दिया। अब राशि न मिल पाने के कारण परिवार के साथ अधूरे मकान में रहने को मजबूर हैं। 

बात करे अगर मध्यप्रदेश की संस्करधानी जबलपुर के शहरी इलाकों की तो करीब सात हजार हितग्राही योजना की। दूसरी क़िस्त सालो बीत जाने के बाद भी नही मिली ऐसे मे ये हितग्राही अधूरे बने मकान में रहने को मजबूर हैं। 

इधर जनता के बीच लगातार प्रधानमंत्री आवास योजना की हकीकत को देखते हुए सत्तारूढ़ बीजेपी के विधायक सहित पूर्व वित्त मंत्री ने विधानसभा में इस योजना को लेकर सवाल खड़े कर दिए। जबलपुर के केंट से बीजेपी विधायक अशोक रोहाणी ने विधानसभा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जब ये मामला उठाया। तब सरकार की तरफ से भरोसा दिलवाया गया कि जल्द से जल्द दूसरी और तीसरी क़िस्त दी जाएगी। भाजपा विधायक ने प्रधानमंत्री आवास योजना में हुई देरी को लेकर 15 माह की कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराया हैं। 

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