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जबलपुर : मेडिकल कॉलेज में हो रहा खिलवाड़ ,कोरोना पॉजिटिव को स्वस्थ बताकर छोड़ा ,फिऱ विक्टोरिया टीम ने किया घर सैनिटाइज 

जबलपुर : मेडिकल कॉलेज में हो रहा खिलवाड़ ,कोरोना पॉजिटिव को स्वस्थ बताकर छोड़ा ,फिऱ विक्टोरिया टीम ने किया घर सैनिटाइज 

  • 19 तारीख को लिया गया सैंपल एवं परिवार के सदस्यों को रिपोर्ट की कोई भी जानकारी नहीं दी गई
  •  20 तारीख को मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया ,न रिपोर्ट मिली न कोई जानकारी 
  •  24 तारीख की सुबह विक्टोरिया से टीम पहुँची उनका घर सैनिटाइज करते हुए कहते हैं कि आप करोना पॉजिटिव है।

द लोकनीति डेस्क जबलपुर 

एकतरफ कोरोना को लेकर जब पूरी दुनिया के तमाम देश और भारत के हर राज्य इसको लेकर चिंतित है। वही दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में अलग ही नजारे मिल रहे है ,यहां कभी सरकारी कार्यक्रमों में जरूरत से ज्यादा भीड़ मिल रही है। और बात राजनीति की करें तो यहां उपचुनाव को लेकर देश की दोनों बड़ी पार्टिया घमासान कर रही है,कभी बीजेपी रैली में भीड़ जोड़ रही है तो कभी कांग्रेस भीड़ जुटाने में लगी हुई है। लेकिन बड़ी बात यह है कि जिस जनता को लेकर चुनाव हो रहे है उसकी चिंता कोई नहीं कर रहा है। जनता की जान से लगातार खिलवाड़ हो रहा है कुल मिलाकर जनता उपचुनाव को लेकर फंस सी गई है वह सोच रही है कि हम अपनी जान कैसे बचाये ,न जनप्रतिनधि साथ दे रहे है न अधिकारी ,हम जाए तो जाए किसके पास। … ??

क्या है पूरा मामला ??
दरअसल मेडिकल कॉलेज जबलपुर में मरीजों के साथ खिलवाड़ हो रहा है ऐसा ही ताज़ा मामला सामने आया जिसमे अशोक तिवारी (50 )निवासी घमापुर गोपाल जी महाराज का बाड़ा, जिनको कुछ दिनों से शरीर में छाले पढ़ रहे थे तब परिवार के सदस्यों ने  शनिवार को मेडिकल में भर्ती किया हल्की बुखार होने के कारण ,उन्होंने मरीज को कोविड-19 लक्षण बताते हुए कोविड सेंटर में रखा गया था। इसके बाद उनका पहला सैंपल 14 तारीख को लिया गया एवं दूसरा सैंपल 19 तारीख को लिया गया जिसको लेकर परिवार के सदस्यों को रिपोर्ट की कोई भी जानकारी नहीं दी गई थी। फिर उन्होंने बोला आपका मरीज स्वस्थ है उन्हें घर ले जाएं 20 तारीख को मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है। लेकिन ना ही उनकी कोई रिपोर्ट दी जाती है और ना ही किसी विषय में जानकारी उन्होंने बोला आपका मरीज स्वस्थ है इन्हें यहां से ले जाएं। 

विक्टोरिया टीम ने भी मानी मेडिकल की ग़लती 
इसके बाद 24 तारीख की सुबह विक्टोरिया से टीम पहुंचती है और उनका घर सैनिटाइज करते हुए कहते हैं कि आप करो ना पॉजिटिव हैं अब सवाल यह उठता है कि अगर व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव था तो उसकी छुट्टी क्यों की गई दूसरा सवाल यह उठता है ना तो 14 तारीख के सैंपल के बारे में बताया गया और 19 तारीख को सैंपल लेने के बाद 20 तारीख को मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया अब इस बीच में मरीज से मिलने और भी लोग गए होंगे इसका जवाब दार कौन हैं यह बात विक्टोरिया की टीम से भी की गई उन्होंने भी यही बोला कि अगर इन का सैंपल लिया गया था तो मेडिकल वालों को डिस्चार्ज नहीं करना था कुल मिलाकर मरीजों के साथ मेडिकल में खिलवाड़ हो रहा है अपनी अपनी मनमानी चल रही है। अगर इसके बाद इनके घर के कोई भी सदस्य पॉजिटिव निकलता है या कोई भी रिश्तेदार पॉजिटिव निकलता है तो अब इसका जवाब दार सिर्फ मेडिकल होगा इसके लिए सख्त से सख्त कार्यवाही भी की जाए।

बड़ा सवाल -क्या जबलपुर कलेक्टर द्वारा कैमरा लगाने से सिस्टम सुधर जाएगा ऐसी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है ,जबलपुर में न कोई जनप्रतिनिधि बचा है न कोई जिम्मेदार जो इस कोरोना काल में जनता का साथ देने में आगे आये। 

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