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Honey Trap Case में बड़ा खुलासा, पीड़िता ने लिए कई रसूखदारों के नाम, बताया कब क्या हुआ….मचा हड़कंप 

मध्यप्रदेश/भोपाल – मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप (Honey Trap) और मानव तस्करी मामले में एक बार फिर कई तरह के बड़े खुलासे हुए हैं। .इस मामले की एक आरोपी सह पीड़ित ने अपने बयान में इस मामले से जुड़े कई बड़े लोगों ने नामों का खुलासा किया हैं। मामले में कई रसूखदारों के नाम सामने आ रहे हैं। इनमें मीडिया (Media) से जुड़े लोग भी शामिल हैं। बता दे कि पीड़ित युवती केंद्रीय जेल उज्जैन में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। केंद्रीय जेल उज्जैन से उसे सुरक्षा के साथ एक दिन पहले भोपाल अदालत में पेश किया गया था, जहां ने कई तरह का खुलासा किया। 

इस मामले में पीड़ित पक्ष के वकील एडवोकेट यावर खान ने बताया कि पीड़ित ने बयान में यह बताया है कि फरवरी 2019 में अभिषेक ठाकुर उसे बहला-फुसलाकर भोपाल हनीट्रैप की आरोपी आरती दयाल के पास लेकर आया था। आरोपी युवतियों आरती दयाल , श्वेता स्वप्निल जैन और श्वेता विजय जैन ने पीड़ित को यह बताया था कि वह एनजीओ का काम करती हैं और गरीब लोगों की मदद करती हैं। इसके बाद आरती दयाल और श्वेता विजय जैन ने मिलकर पीड़ित के कुछ अश्लील फोटोग्राफ खींच लिए और उसे दिखाकर उसे गलत काम करने के लिए मजबूर किया। 

वकील एडवोकेट यावर खान ने बताया कि आरती दयाल हरभजन सिंह के कहने पर 18 अगस्त 2019 को पीड़िता को इंदौर ले गई और होटल श्री में हरभजन सिंह ने पीड़िता के साथ गलत काम किया। इतना ही नहीं इसके बाद 30 अगस्त 2019 को फिर से आरती दयाल पीड़िता को हरभजन सिंह के पास इंदौर में ले गई। इस दौरान हरभजन सिंह ने पीड़िता को नौकरी देने का झांसा देकर फिर से उसके साथ गलत काम किया। 

एडवोकेट यावर खान के मुताबिक छतरपुर में आरती ने मनीष अग्रवाल नाम के व्यक्ति के पास भी पीड़िता को भेजा था। आरती ने एक कार मनीष अग्रवाल के शोरूम से ली थी। अरुण निगम और हरीश खरे नाम के दोनों व्यक्ति मिनाल रेसीडेंसी वाले आरती के फ्लैट पर आए और इन लोगों ने भी पीड़िता का शोषण किया। तत्कालीन खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के पास अरुण निगम और तत्कालीन खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के पास हरीश खरे विशेष सहायक के तौर पर पदस्थ थे।

यावर खान ने बताया कि आरती दयाल ने पीड़ित को छतरपुर में ही एक मनोज द्विवेदी नाम के व्यक्ति से मिलवाया, जिसने उनके साथ गलत काम किया। इन आरोपियों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और उसे फिर से भोपाल ले आए। आरोपी स्वप्निल जैन उसे लालघाटी के पास किसी राजेश गुप्ता नाम के व्यक्ति के पास लेकर गई। पंचवटी के पास उसका ऑफिस था। ऑफिस के सामने कार में राजेश गुप्ता ने उसके साथ गलत काम किया। 

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