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Jabalpur :- रेत की जगह इस्तेमाल किया जा रहा सिर्फ गर्दा, नहर निर्माण को बना दिया है जेबें भरने का जरिया

  • मंझौली ग्राम के नांदघाट शाखा का मामला
  • दोयम दर्ज़े के चीज़ों का हो रहा इस्तेमाल
  • अभी से ही नहर में आने लगी हैं दरारें
     

Jabalpur News Gautam :- मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की बरगी (Bargi) बांध की मझौली माइनर की नांदघाट शाखा के निर्माण में बड़ा घालमेल सामने आया है। सम्बंधित ठेकेदार रेत की जगह सिर्फ डस्ट (Dust) का इस्तेमाल कर रहे जिसके वजह से अभी हीं जहाँ – तहाँ नहर (Canal) में दरारें (Cracks) आने लगी हैं।

 

                           

 

हमारे सूत्रों के अनुसार बरगी बाँध के मंझौली माइनर की नंदघाट शाखा के नहर निर्माण में बड़ा घपला सामने आय है। सूत्रों की माने तो जहाँ नहर निर्माण में रेत और गिट्टी आदि की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। वहीँ गुणवत्ता तो दूर यहाँ रेत की जगह डस्ट मिलाकर नहर निर्माण करवाया जा रहा है। ठेकेदार और अधिकारियों के मिलीभगत से ग्रामीणों के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है। ग्रामीणों की माने तो नहर में निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही कई जगह दरारें आ चुकी हैं। जिससे उन्हें डर है कि आने वाले समय में नहर टूट सकती है और उनके फसलों को बड़ा नुकसान हो सकता है।

 

                     

 

ठेकेदार अधूरा छोड़ गया था काम
बता दें की इस नहर निर्माण का कार्य काफी दिनों से चल रहा है इससे पहले जो ठेकेदार इस कार्य को करवा रहे थे वो इसे अधूरा छोड़कर भाग गए। इसके बाद पाटन पूर्व विधायक नीलेश अवस्थी ने इस मुद्दे को लेकर विधानसभा में ध्यानकर्षण भी लगाया था। जिसके बाद दोबारा इसका निर्माण करवाया जा रहा है। बता दें की इस नहर के निर्माण की लागत लगभग 40 करोड़ रूपये है।

 

                     

 

डर रहे हैं किसान
नहर में निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही कई जगह दरार आने लगी है। किसानो को डर है कि अगर यह बांध बरसात में टूट गया जिसकी पूरी पूरी आशंका है तो उनके फसलों को काफी नुकसान होगा। अब सवाल यह है कि अगर जन कल्याण के कार्य इस प्रकार से होने लगे तो यह जनकल्याण कहलायेगा या कुछ और।
नहर निर्माण को सिर्फ अधिकारियों और ठेकेदार की जेबें भरने का जरिया बना दिया गया है। यहाँ तक की जिन वाहनों का उपयोग तमाम साधन जुटाने के लिए किये जा रहे हैं। उन वाहनों पर भी अधिकारियों के रिश्तेदारों की मुहर लगी है। ऐसे नहर निर्माण को जेबें भरने का जरिया नहीं तो और क्या कहा जाएगा।

(खबर स्थानीय नागरिकों द्वारा दी गयी है )

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