ईरान राष्ट्रपति हसन रुहानी ने दिलाई ट्रंप को 290 नंबर की याद,इस घटना से जुड़ा है 290 का मतलब
ईरान राष्ट्रपति हसन रुहानी ने दिलाई ट्रंप को 290 नंबर की याद,इस घटना से जुड़ा है 290 का मतलब
कुद्स बल के प्रमुख जनरल सुलेमानी की अमेरिकी एयरस्ट्राइक मौत बाद से ईरान और अमेरिका के बीच तकरार की शुरुआत हो गई है.और अब इसका अंत कब होगा इसका कुछ नही पता क्योंकि दोनो ही राष्ट्रपति का आपस में ट्वीटर जंग शुरु हो चुका है पहली बार ईरानी राष्ट्रपति ने अमेरिकी राष्ट्रपति पर पलटवार किया है। ये तकरार युद्ध की धमकियों तक पहुंच गई है..अपने जनरल की हत्या के बाद पहली बार ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जवाब दिया है.
क्या लिखा राष्ट्रपति हसन रुहानी ने
Those who refer to the number 52 should also remember the number 290. #IR655
Never threaten the Iranian nation.— Hassan Rouhani (@HassanRouhani) January 6, 2020
हसन रूहानी ने ट्विटर पर लिखा, ''वो जो 52 नंबर बताते हैं उनको 290 नंबर भी याद रखना चाहिए. #IR655.ईरान को कभी धमकी ना दें.'' रूहानी का ये ट्वीट 4 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से किए गए उस ट्वीट के जवाब में है जिसमें ट्रंप ने ईरान के 52 ठिकानों पर हमले की धमकी दी थी.
क्या लिखा था राष्ट्रपति ट्रंप ने
….hundreds of Iranian protesters. He was already attacking our Embassy, and preparing for additional hits in other locations. Iran has been nothing but problems for many years. Let this serve as a WARNING that if Iran strikes any Americans, or American assets, we have…..
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 4, 2020
ट्रंप ने लिखा था, ''52 ईरानी साइटों को लक्षित किया है जो ईरान और उसकी संस्कृति के लिए अहम हैं. वो निशाने पर हैं, ईरान अगर अमरीका पर हमला करता है तो बहुत तेजी और मजबूती से हमला किया जाएगा.''
क्या मतलब है 52 और 290 नंबर का
52 का नाता तो ट्रंप के 52 ठिकानों पर हमले की धमकी से है. वो 52 ठिकाने प्रतिनिधित्व करते हैं उन अमेरिकी नागरिकों का जिनको ईरान ने 1979 में बंधक बनाया था. इसके साथ ही 290 का नाता है 1988 में ईरान के प्लेन पर अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत से किए गए उस हमले से जिसमें प्लेन में सवार 290 बेगुनाह लोग मारे गए थे.