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इंटरनेट इस्तेमाल पर पाबन्दियों में भारत सबसे आगे , पढ़े यह ख़ास रिपोर्ट 

स्पेशल रिपोर्ट Bhopal Desk :- इंटरनेट ,स्मार्टफोन,सोशल साइट्स और गूगल यह कुछ ऐसी चीज़ें हैं जिसने मानव मस्तिष्क पर काफी हद तक कब्जा कर रखा है | सोचिये किसी दिन यह सब ख़त्म हो जाए तो कैसा हो जाएगा आपका जीवन|और अगर नहीं सोच पा रहे हैं तो जाइये और पूछिए कश्मीरियों से | इंटरनेट इस्तेमाल के रोक पर भारत विश्व के सभी देशों से आगे निकल गया है| इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस के रिपोर्ट की माने तो देश में विगत वर्ष 2019 में विभिन्न कारणों के कारण 95 बार इंटरनेट के इस्तेमाल पर रोक लगी। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन होने के बाद हाल ही में उत्तर पूर्वी राज्यों में यहाँ तक की राजधानी  दिल्ली और उत्तर प्रदेश  के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को सरकार द्वारा बंद किया गया । इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस समेत दो थिंक टैंक की संयुक्त रिपोर्ट बताती है कि 2012 से अब तक सरकार ने देश में 367 बार इंटरनेट बंद किया। 2018 में दुनिया में होने वाले कुल इंटरनेट शटडाउन में से 67 फीसदी (134 बार) भारत में हुए।
 

सबसे ज्यादा प्रभावित रहा जम्मू कश्मीर
2012 से अब तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक के मामले में सबसे आगे कश्मीर रहा।2012 से लेकर अब तक के  कुल 367 शटडाउन में से 180 सिर्फ कश्मीर में हुए। इसके बाद राजस्थान में 67 बार, उत्तर प्रदेश में 20 बार, हरियाणा में 13 बार और बिहार और गुजरात में 11-11 बार इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाई गयी।
 

हुआ इतना नुकसान 
रिपोर्ट के मुताबिक देश के सभी राज्यों में वर्ष 2012 से 2017 के बीच इंटरनेट बंद होने सेतकरीबन 21 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। राज्यों की बात करें तो सबसे ज्यादा नुकसान गुजरात को 117.75 लाख डॉलर का हुआ। जम्मू-कश्मीर में 61.02 लाख डॉलर, राजस्थान में 18.29 लाख डॉलर, उत्तर प्रदेश में 5.3 लाख डॉलर, हरियाणा में 42.92 लाख डॉलर, बिहार में 5.19 लाख डॉलर का नुकसान हुआ।

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