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भारत का नया निगहबान तैयार ,कुछ घंटों में होगा अंतरिक्ष में तैनात

तकनीकी के क्षेत्र में लगातार अंतरिक्ष पर पांव जमाने वाला देश भारत आज फिर से एक और उपकरण लांच करने जा रहा है। बस कुछ समय के बाद देश की सुरक्षा विकास का नया सिपाही अंतरिक्ष में तैनात हो जाएगा।
इस उपकरण का नाम है रीसैट-2बीआर1(RISAT -2 BR1)
 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO )आज 11 दिसंबर को ऐतिहासिक तारीख बनाने वाला है। आज दोपहर करीब 3 :25 बजे इस ताकतवर राडार इमैजिंग सैटेलाइट को लांच कर भारत देश की सुरक्षा को और भी मजबूत बना देगा। 
लॉन्चिंग के बाद देश की सीमाओं पर यह निगहबान अपनी कड़ी नज़र रखेगा। 
यह सैटेलाइट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लांच किया जायेगा। यह लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा सेंटर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा का 75वां लांच व्हीकल मिशन है। पीएसएलवी की 50वीं उड़ान है ,37वीं उड़ान है पहले लांच पैड से। 6ठीं उड़ान है साल 2019 की,दूसरी उड़ान है PSLV -QL रॉकेट की। 
ISRO द्वारा मिली जानकारी के अनुसार 21 मिनट के अंदर सभी 10 उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित हो जायेंगे। इनकी कक्षाएँ पहले से ही निर्धारित कर दी गयी है ,सभी उपग्रह को सुरक्षित तौर से स्थापित होने में बहुत काम वक़्त लगेगा। PSLV -C48 QL राकेट में 4 ट्रैप ऑन हैं। 
जानते हैं कैसे काम करेगा RISAT-2BR1- 

रीसैट-2बीआर1(RISAT-2BR1)दिन और रात दोनों समय पर अपना काम करेगा। दिन हो या रात,घनघोर बदल हो या झमाझम बारिश ,इस निगहबान की तेज़ नज़र हर वक़्त देश की सीमा पर तैनात रहेगी।यह उपग्रह बादलों के पार तक की तसवीरें लेने में पूर्णतः सक्षम है। यह माइक्रोवेव फ्रीक्वेंसी पर काम करने वाला उपग्रह है। यही कारण है कि  इसे राडार इमेजिंग सैटेलाइट कहते हैं ।देश की सुरक्षा बल समूहों के साथ साथ यह कृषि,जंगल और आपदा विभागों को भी सहयोग प्रदान करेगा। 
जानिए कब और कैसे स्थापित होगा RISAT-2BR1 

इसरो RISAT-2BR1 सैटेलाइट को PSLV -C48 QL रॉकेट के जरिये श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पाई सेंटर के लांच पैड नंबर एक से अंतरिक्ष में लांच करेगा। RISAT-2BR1 का वजन 628 किग्रा है। उपग्रह को पृथ्वी से 576 किमी से ऊपर की कक्षाओं में स्थापित किया जायेगा। 
साथ ही साथ इसरो कर रहा विदेशी उपग्रहों की भी लॉन्चिंग –
इसरो RISAT-2BR1 को तो लांच कर देश की सुरक्षा को मजबूत कर ही रहा है इसके साथ साथ ISRO 9 विदेशी उपग्रहों को भी लांच कर रहा है। इसमें अमेरिका के 6,इजरायल,जापान और इटली के भी एक-एक उपग्रहों का प्रक्षेपण इसी रॉकेट के जरिए किया जायेगा। 
आतंकविरोधी कार्यों में भी यह सैटेलाइट उपयोग में लायी जाएगी। 
तकनीकी के क्षेत्र में भारत देश निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है।श्रीहरिकोटा में दर्शकों को लॉन्चिंग देखने के लिए लांच व्यू गैलरी तैयार की गयी है। आज करीब 5 हज़ार लोग एकसाथ बैठकर राकेट का लांच देख सकते हैं।  

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