स्मार्ट सिटी की होड़ में, बद से बदतर हैं राजधानी भोपाल की सड़कों का हाल
- भोपाल की सड़के करीब 70% खराब हालत में
- बारिश ने बढ़ाई और भी मुसीबत
- आने-जाने वालों को करना पड़ता हैं परेशानी का सामना
भोपाल/अंजली कुशवाह: राजधानी भोपाल को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सरकार द्वारा मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट तो शुरू कर दिए गए हैं. लेकिन भोपाल की सड़को को लेकर फ़िलहाल सरकार का कोई भी प्रयास दिखाई नहीं दे रहा हैं. राजधानी के सड़कों का हाल लगातार बद से बदतर होता जा रहा हैं. राजधानी भोपाल की करीब 70% खराब सड़कों से लोगों को राहत नहीं मिल रही हैं. जहाँ एक तरफ बारिश थमने पर जहां धूल के गुबार उड़ने लगते हैं और दूसरी तरफ बारिश हो जाने पर सड़को के गड्ढे उभर आते हैं और कीचड़ फैल जाता है. राजधानी के लोगों को आने-जाने में कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं.
सड़कों को सही कराने को लेकर मंत्री भूपेंद्र सिंह का वादा
बता दें कि नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने 1 अक्टूबर से सारी सड़कों की रिपेयरिंग करने को कहा है. कमिश्नर कवींद्र कियावत ने भी एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि सड़कों को रिपेयर करें, लेकिन इस मामले पर एजेंसियों ने तर्क दिया है कि बारिश में सड़कों पर डामरीकरण नहीं करा सकते इसलिए मानसून की विदाई का इंतजार कर रहे हैं. वही मौसम विभाग के अनुसार अगले दो सप्ताह तक बारिश होने की संभावना है. ऐसे में खराब सड़कों की मरम्मत होने की बात दूर तक दिखाई नहीं दे रही हैं.
राजधानी में बुरा हैं सड़कों का हाल
एक रिपोर्ट के अनुसार नगर निगम की करीब 288 सड़कें खराब हैं. PWD और CPA (राजधानी परियोजना प्रशासन) की सड़कें भी खराब है. कोलार में भी करीब 10 किमी लंबी सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है. वही कोलार रेस्ट हाउस, चूना भट्टी, नयापुरा, ललिता नगर, जे.के.रोड, गोविंदपुरा, हनोती जोड़ और गेहूंखेड़ा में भी सड़को का हाल बुरे हाल है. इधर, पुराने शहर की सड़कें भी बहुत ज़्यादा खराब हो चुकी है. अगर नए शहर की बात की जाए तो एमपी नगर क्षेत्र से लेकर पुराने शहर के भोपाल टॉकीज इलाके एक समान बने हुए हैं. बारिश नहीं होने पर यहाँ पर पूरे दिन धूल उड़ती रहती हैं. लेकिन बारिश होने के बाद कीचड़ फैलता है. जिस कारण ट्रैफिक व्यवस्था भंग हो जाती है और कई बार जाम की स्थिति बन जाती हैं.
CM की नाराजगी के बाद भी नहीं हुआ काम
बता दें कि शहर की अधिकांश सड़कों पर इन दिनों गड्ढे हो रहे हैं और गड्ढो से निकली हुई मिट्टी के कण हवाओं में तैर रहे हैं. CM शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बावजूद सड़कों की बेहतर ढंग से मरम्मत नहीं हो पाई. रायसेन रोड पर सड़कों की यही स्थिति बनी हुई है, जबकि पुराने भोपाल के हमीदिया रोड, सुल्तानिया रोड, भानपुर, हलालपुर से लेकर हर सड़कों पर उड़ते धूल के गुबार दिखाई दे रहे हैं.
भोपाल की ख़राब सड़कों का असर ट्रैफिक व्यवस्था पर भी पड़ रहा हैं. आये दिन ख़राब सड़कों की वजह से जाम की स्थिति बन जाती हैं. इसके अलावा लगातार धूल भरी सड़कों पर सफर करने के कारण लोगों को धूल कणों से इन्फेक्शन, एलर्जी, अस्थमा और आंखों की बीमारियां भी हो रही हैं. राजधानी की सड़कों की समस्या को लेकर प्रशासन को अहम कदम उठाने चाहिए.