किसान और सरकार के बीच हुई बैठक में सिर्फ अगली तारीख निकली, "तारीख पर तारीख", समाधान आखिर कब??
किसान और सरकार के बीच हुई बैठक में सिर्फ अगली तारीख निकली, “तारीख पर तारीख”, समाधान आखिर कब??
नई दिल्ली/गरिमा श्रीवास्तव:- किसान संगठन और सरकार के बीच सोमवार को सातवें दौर की बैठक हुई. पर यह बैठक भी बेनतीजा साबित हुई.. खुद केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह बात बताई कि आज की बैठक में कोई भी नतीजा सामने नहीं आया. अब सरकार ने किसानों से बातचीत करने के लिए फिर से अगली तारीख निकाल दी है.. किसान संगठनों के साथ 8 जनवरी को फिर से बातचीत होगी.
कृषि कानून के खिलाफ लगातार पिछले 1 महीने से ज्यादा समय से आंदोलन चल रहा है. किसानों की दो मांगों पर सरकार ने सहमति जताई है पर किसान अब इस बात पर अड़े हैं कि कृषि कानून को पूरी तरह से खत्म किया जाए. और उनका कहना है कि अगर से कानून खत्म नहीं होता है तो यह आंदोलन और तेज होगा. कल हुई किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सातवें दौर की बातचीत में सरकार ने यह बात स्पष्ट कर दी कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जा सकता है.
पर किसान इस बात पर पड़े हैं कि जब तक यह कानून पूरी तरह से खत्म नहीं होता तब तक उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा बल्कि इस आंदोलन को और तेज किया जाए. बैठक के दौरान कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि सरकार चाहती है कि किसान यूनियन तीन कृषि कानूनों के उन विशिष्ट मुद्दों को उठाए जिन पर उन्हें समस्या है. तोमर ने कहा कि ताली दोनों हाथ से बजती है. यानी इस आंदोलन को खत्म करने के लिए दोनों पक्षों कि बराबर प्रयास की जरूरत है.
किसानों ने सरकारी संशोधन फ़ाड़ा:-
किसानों और सरकार के बीच बैठक खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने सरकार का दिया हुआ संशोधन फाड़ दिया है. किसानों का कहना है कि यह कानून खत्म करना ही पड़ेगा.. बता दें कि इस किसान आंदोलन में लगभग 60 से अधिक किसानों की जान चली गई..
देखना यह होगा कि 8 जनवरी को होने वाली बैठक में क्या हल निकल कर सामने आता है. सरकार इनकी बातों पर सहमति जताती है या फिर आंदोलन और भी तेज होंगे..??