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 राजेन्द्रसूरी बैंक में जमा लोगों का पैसा तत्काल सरकारी खजाने से दे, शासन-प्रशासन बैंक संचालकों से वसूलती रहे- सोमेश्वर पाटीदार

 जमाकर्ताओं को पैसा दिलवाने की मांग को लेकर 12 जुलाई को कुक्षी से भोपाल तक सायकल यात्रा करेंगे सोमेश्वर पाटीदार

 सायकल यात्रा बैंक की समस्त शाखा स्थलों से होकर निकलेगी

कुक्षी से मनीष आमले की रिपोर्ट – :  आज वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरे विश्व के साथ भारत भी इसकी चपेट में है इस महामारी से देश की जनता सुरक्षित रहे इस वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च को देश में लॉकडाउन की घोषणा की। अभी भी देश पूर्ण रूप से खुला नही है इस वजह से कई लोगो की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई । इस विकट परिस्थिति में कई लोग अपना ही पैसा साख सहकारी बैंक से लेने के लिए परेशान हो रहे है । लॉकडाउन के दौरान परेशान जमाकर्ताओं को रुपया मिल जाता तो इन्हें परेशानीयां कम होती। धार जिले में 9 शाखाओं में संचालित थी राजेन्द्रसूरी साख सहकारिता मर्यादित बैंक ( प्रधान कार्यालय राजगढ़ ) जिसमे आवर्ती जमा, बचत जमा, फिक्स डिपॉजिट योजना में लोगों ने अपनी मेहनत का पैसा जमा करवाया था । जमाकर्ताओं ने यह राशि अपने सुरक्षित भविष्य व कइयों ने बच्चों की पढ़ाई व भरण पोषण, किसी ने बीमारी व बच्चों की शादियों जैसे अतिआवश्यक कार्यों के लिए राशि जमा करवाई थी जो अब तक नही मिली है । जमाकर्ताओं द्वारा जमा राशि निकालने के लिए विगत वर्षों से बैंक की शाखाओं के चक्कर लगाते रहे, परन्तु जब बैंक शाखाएं चालू थी तब उपस्थिति कर्मचारियों द्वारा बैंक में पैसा नही होना, जिम्मेदार व्यक्ति नही होने के बहाने बनाकर जमाकर्ताओं को बेवकूफ बनाते रहे व दौड़ाते रहे। खातों की जानकारी व लिखित में जवाब मांगने पर भी किसी प्रकार का संतोषप्रद जवाब नही दिया जाता था। कुछ समय पश्चात बैंक के संचालक मंडल, अध्यक्ष द्वारा भी बैंक के सभी खातेदारों को दिसम्बर 2018 तक आंशिक राशि लौटाने का वचन देकर बेबकुफ़ बनाया गया । परंतु दिसम्बर आते-आते बैंक के कर्मचारियों का बैंक की शाखा में आना बंद हो गया और कुछ समय बाद तो बैंक के ताले खुलना भी बंद हो गए थे। इस स्थिति को देख जमाकर्ताओं ने थानों पर आवेदन देकर प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी। जिसके बाद पुलिस थानों पर प्रकरण दर्ज भी हुए। किंतु आज दिनांक तक बैंक की शाखाओं में जमा पैसा कई खाताधारकों को अब तक नही मिला। लॉकडाउन में जमाकर्ताओं के व्यापार व्यवसाय बंद रहे इन्हे अपनी बची हुई जमा पूंजी से ही परिवार का भरण पोषण करना पड़ा और परेशानियों से भरे दिन गुजारने पड़े । अगर प्रशासन ने बैंक के जिम्मेदारों पर शुरुआती दौर में कार्यवाही कर जो सक्रियता दिखाई थी, उसे आगे बढ़ाते हुए ठगे गए जमाकर्ताओं को भी पैसा लोटाना चालू कर देती तो वैश्विक कोरोना महामारी जैसी विकट परिस्थिति में काम आ जाता। इस महामारी ने कई लोगों को प्रभावित किया। 
बैंक के जमाकर्ताओं की भी आर्थिक स्थिति लॉकडाउन के दौरान बिगड़ी और कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। यदि इस विकट परिस्थिति में खुद का जमा पैसा भी इन्हें मिल जाता तो आर्थिक संकट से जूझना नही पड़ता। इस विकट परिस्थिति में कम से कम शासन-प्रशासन उक्त मामले को गम्भीरता से लेकर जमाकर्ताओं को उनकी जमा  पूंजी सरकारी खजाने से वापस दे दे । वैसे तो शासन महामारी के दौरान आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों के लिए सरकारी खजाना खोलकर लाभ पहुँचा रही है। शासन बैंक के संचालकों पर प्रशासनिक कार्यवाही जारी रख पैसा वसूलती रहे और राजेंद्रसूरी बैंक के जमाकर्ताओं के खुद के गाढी कमाई के रुपयों को तत्काल राहत देने हेतु शासन सरकारी खजाने से पैसा लौटाकर इनकी परेशानियों को दूर करें । इसी बात को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सोमेश्वर पाटीदार जिन्होंने माँ गायत्री मंदिर सरोवर के विकास के लिए आंदोलन किया व कुक्षी को जिला बनाने के लिए प्रयासरत है। वे दिनांक- 12 जुलाई 2020 रविवार सुबह 9 बजे माँ गायत्री मंदिर में पूजन कर कुक्षी से सायकल यात्रा प्रारंभ कर कुक्षी से बाग, रिंगनोद, राजगढ़, दसाई, कड़ोदकला, छोटा नागदा, बिड़वाल, राजोद, राजोद से उज्जैन, आष्टा, सीहोर होते हुए भोपाल पहुचेंगे। वहां पर मुख्यमंत्री को बैंक के घोटाले सम्बंधित मामले से अवगत करवाकर खाताधारकों को तत्काल जमाराशि वापस देने के लिए मांग रखेंगे। कुक्षी से भोपाल सायकल यात्रा को लेकर सुरक्षा की दृष्टि से कुक्षी एसडीएम को पत्र लिखकर यात्रा के बीच में आने वाले स्थानों की जानकारी देकर सम्बंधित जिम्मेदार अधिकारियों को सूचित करने के लिए भी कहा है। पाटीदार ने यह भी कहा है कि, मुख्यमंत्री से भी संतोषप्रद जवाब नही मिला तो वे दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री के समक्ष भी इस मांग को रखेंगे।

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