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अगर "सिंधिया" वापस आ जाएं तो क्या उनको "प्रदेश अध्यक्ष" बना दिया जाएगा? कमलनाथ की बैठक में उठा बड़ा सवाल, हलचल तेज़

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव (Assembly by-election in Madhya Pradesh) को लेकर हलचल तेज़ होती जा रही हैं। माना जा रहा है कि सितंबर 2020 में 24 विधानसभा सीटों (Assembly Seats) पर उपचुनाव हो सकते हैं।जिसको लेकर कांग्रेस ने तैयारी करना शुरू कर दी हैं। 

बता दे कि इसी को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ (Former CM Kamal nath) के आवास पर एक बैठक हुई थी। इस बैठक में पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma), पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह (Ajay Singh), कमलेश्वर पटेल (Kamleshwar Patel), विधायक, प्रवीण पाठक (Praveen Pathak), केपी सिंह (KP Singh) और अशोक सिंह (Ashok Singh) समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। 

इस बैठक में उपचुनाव में किस को टिकट दिया जाए इसको लेकर मंथन हुआ, साथ ही कई बातों का विरोध भी देखने को मिला। बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ हुई बैठक में पार्टी छोड़कर भाजपा (BJP) में गए नेताओं को टिकट देने को लेकर जमकर विरोध हुआ। पार्टी के कई सीनियर नेताओं (Senior Leaders) ने बीजेेपी से आने वाले नेताओं की वापसी पर असहमति जताई है और उन्हें पार्टी में शामिल कर टिकट देने का विरोध भी किया हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने प्रेमचंद गुड्डू (Premchand Guddu) को टिकट देने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़कर गए नेता वापस आकर पांच साल तक काम करें फिर टिकट मांगे। जबकि  पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी (Rakesh Singh Chaturvedi) को उपचुनाव में टिकट देने का विरोध किया हैं।

सूत्रों के मुताबिक, अजय सिंह ने कहा कि पार्टी से गद्दारी करने वालो को टिकट नहीं मिलना चाहिए।उन्होंने कहा- हम भी पार्टी छोड़कर चले जाते हैं फिर हमें शामिल कर लेना। 

इधर, दिनेश गुर्जर ने कहा कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) वापस आ जाएं तो क्या उनको प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जाएगा। पूर्व सीएम कमलनाथ के साथ हुई इस बैठक में इसी तरह के कई सवाल उठे हैं।

बताते चले कि 22 नेताओं के इस्तीफे और फिर उनके भाजपा में शामिल होने के कारण कई सीटों पर कांग्रेस के पास बड़े चेहरे नहीं हैं। ऐसे में कांग्रेस उपचुनाव में वापस घर आने वालों को टिकट देने पर रणनीति तैयार कर रही थीं, लेकिन शायद इस विरोध के बाद कमलनाथ (Kamal nath)  को कोई दूसरा कदम उठाना पड़ेगा। 

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