डूबते हुए हिरण के लिए देवदूत बनकर आए विश्नोई दंपति
खिरकिया टोल टेक्स के पास रोड़ किनारे की नहर में एक मादा हिरण बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा था | पानी से लबालब भरी नहर में हिरण का बाहर निकलना लगभग मुश्किल ही लग रहा था। साथ ही साथ उसे आसपास के जंगली कुत्तों ने भी घेर रखा था। की तभी यहां से गुजर रहे सतीश विश्नोई की नजर हिरण पर पड़ी तो वे परिवार सहित उसे बचाने के लिए गए | सतीश विश्नोई ने बिना कुछ सोंचे समझे नहर में छलांग लगा दी और बड़ी मशक्कत के बाद हिरण को पकड़ लिया | फिर पत्नि कविता विश्नोई की मदद से उसे नहर के बाहर निकाला | इस पूरे घटनाक्रम का वीडियों सतीश की 6 वर्षीय बिटिया देव्यांशी ने मोबाइल में बना लिया |
वीडियों को देखने के लिए दी हुई लिंक पर क्लिक करिये -https://youtu.be/MTwkqHDHTNg
हिरण के पैरों में चोंट के निशान देखकर उसका शासकीय अस्पताल में इलाज कराया | इस दौरान अखिल भारतीय विश्नोई युवा संगठन के खंडवा जिला संगठन मंत्री लोकेश बेनिवाल, सारंगपुर के रिषी विश्नोई और डॉ. सदासुख विश्नोई, चौकड़ी के कपिल विश्नोई, बरमलाय के शुभम विश्नोई व अन्य सामाजिक युवाओं का सहयोग मिला | वन विभाग की टीम ने भी मौके पर उपस्थित होकर मदद की | तत्पश्चात् देखरेख में प्राथमिक उपचार हेतु वन विभाग की रजामंदी से उसे खिरकिया निवासी लोकेश बेनिवाल के सुपुर्द किया |
मीडिया को यह जानकारी अखिल भारतीय विश्नोई युवा संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी ईश्वर विश्नोई ने दी |
बहादुरी दिखाकर हिरण की जान बचाने पर वन विभाग ने सभी का आभार व्यक्त किया | गौरतलब है कि विश्नोई समाज का पर्यावरण संरक्षण, वन्य जीवों की सुरक्षा में अहम योगदान रहा है | दो दिन पहले ही समाज ने शहीद अमृतादेवी विश्नोई बलिदान दिवस मनाया था |