शादी करके पति ने छोड़ा तो पत्नी बनी IAS

- शादी के ठीक 15 दिन बाद पति छोड़कर विदेश चला गया
- UPSC की तैयारी कर रचा इतिहास
- गुजरात के रक्षा मंत्रालय में एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर है
गुजरात : शादी के 15 दिन बाद पति छोड़ कर विदेश गया तो पत्नी ने जिंदगी से हार मानने की बजाये करिअर पर ध्यान लगाया। दरअसल यह घटना कोमल गडात्रा की है, जिसकी 26 साल की उम्र में शादी हुई थी. शादी के ठीक 15 दिन बाद उसका पति उसे छोड़कर चला गया.
पति के छोड़कर चले जाने के बाद वह मैंने हिम्मत नहीं हारी और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान कोमल ने बताया हम सोचते हैं कि शादी हमें परिपूर्ण बनाती है मैं भी ऐसा ही सोचती थी जब तक मेरी शादी नहीं हुई थी पति के छोड़कर चले जाने के बाद मुझे समझ आ गया था कि जीवन में एक लड़की के लिए शादी सब कुछ नहीं है पति के अलावा भी उसका जीवन है.
कोमल ने यूपीएससी की तैयारी के बारे में सोचा वह जान चुकी थी के पति के छोड़ जाने से जिंदगी खत्म नहीं होती है.
कोमल ने पूरी मेहनत से परीक्षा की तैयारी की और सफल हुई. वर्तमान में रक्षा मंत्रालय में एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर की पोस्ट पर कार्यरत हैं.
कोमल की पढ़ाई गुजराती मीडियम में हुई है इस साल उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की थी उसी साल का गुजराती लिटरेचर की टॉपर थी उन्होंने बताया कि शुरू से ही मेरे पापा ने जिंदगी में आगे बढ़ना सिखाया है जब मैं छोटी थी तब पिताजी कहते थे कि तुम बड़ी होकर आईएएस बनना लेकिन मैं उस समय ना समझती यूपीएससी के बारे में ना ही कोई जानकारी थी ना कर गुजरने का जज्बा।
कोमल ने बताया पिता ने हमेशा मुझे मत दिया उन्होंने मुझे समझाया तुम सर्वश्रेष्ठ तो ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन तीन अलग-अलग भाषाओं में करने के बाद कोमल मैं गुजरात लोक सेवा आयोग का मींस भी क्लियर कर लिया था.
शादी एक NRI हुई थी लेकिन उस समय मेरे पति नहीं चाहते थे कि मैं जीपीएससी का इंटरव्यू दूं क्योंकि उन्हें न्यूजीलैंड में रहना था मैंने समझौता कर अपने पति की बात मान ली जाए.
मैं यह नहीं जानती थी कि जिससे मैं प्यार करती हूं वह मुझे शादी के ठीक 15 दिन बाद छोड़कर चला जाएगा
जब मेरे पति न्यूजीलैंड गए तो वहां से उन्होंने मुझे ना ही कॉल किया ना ही मेरा हाल चाल पूछा जब मुझे पता चला कि वह जा चुके हैं तो मैंने सोचा कि मैं उनके पीछे न्यूज़ीलैंड जाऊंगी और उन्हें वापस लेकर आऊंगी क्योंकि उस वक्त मेरी दुनिया उनमें ही थी.
लेकिन मुझे कुछ समय बाद महसूस हुआ कि किसी इंसान को जबरदस्ती अपने जीवन में लाने से अच्छा है खुद के जीवन का मकसद पूरा करना मुझे अपने जीवन का लक्ष्य साफ साफ दिखाई देने लगा और मैंने पिछली बातों को भूलकर आगे बढ़ने में समझदारी समझी।
सलाम है ऐसे जज्बे को, ऐसी ही महिलाएं समाज में आत्मनिर्भरता की अलख जगाती है, इतना ही नहीं ऐसी महिलाएं न सिर्फ समाज बल्कि पूरी समाज के लिए मिशाल है.