बालाघाट। मध्यप्रदेश में सरकार भले ही उत्तम स्वास्थ व्यवस्था की बात करें लेकिन हकिगत कुछ और ही बयां कर रही है। बालाघाट जिला अस्पताल में बदहाली और अव्यवस्थाओं का भंडार देखने को मिला है। जहां बिजली ना होने के कारण मरीज को मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में ही अपना इलाज कराना पड़ा। अस्पताल में बनी इस अव्यवस्था के साथ ही यहां की इमरजेंसी विद्युत सुविधा पर भी सवाल उठ रहे हैं । दरअसल जिला अस्पताल में एक दिन पहले देर शाम में अचानक ही विद्युत आपूर्ति बंद हो गई और अस्पताल परिसर में अंधेरा हो गया। ऐसी स्थिति में इमरजेंसी विद्युत सेवा को तत्काल बहाल कर लाइट प्रारंभ करनी पड़ती है। पर यहां पर ऐसा नहीं हो सका और लगभग आधे घंटे तक यहां के विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बंद हो गई और जिसके कारण अस्पताल का ओपीडी कक्ष से लेकर तमाम परिसर में अंधेरा कायम हो गया।
इस दौरान देर शाम में ओपीडी में आए मरीज का उपचार डॉक्टर को मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में करना पड़ा। पर्ची पर उपचार सेवा और दवाई भी इस मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में अंकित किया गया। इसके चलते काफी देर तक यहां पर अव्यवस्था का माहौल रहा। बाद में यह स्थिति बहाल हो गई। इस संबंध में सिविल सर्जन द्वारा बड़ी ही सफाई के साथ जवाब दे दिया गया कि आज 23 सितंबर को विद्युत विभाग ने इस क्षेत्र की विद्युत मेंटेनेंस कार्य को लेकर सूचना दी हुई थी। जिसके चलते शाम के समय में विद्युत इमरजेंसी जनरेटर सुविधा को चेक किया जा रहा था।