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शिवराज-गडकरी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से बाहर होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जटिया का बड़ा बयान

नई दिल्ली : बुधवार को नए सिरे से भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का गठन किया। इसमें लगभग दो वर्षों से सक्रिय राजनीति से दूर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया को जगह दी गई है। जबकि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रिटेन नहीं किया गया है।

वहीं, संसदीय बोर्ड में शामिल होंने के बाद “दैनिक भास्कर” ने उनसे विशेष चर्चा की। जिसमें भास्कर ने उनसे नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को हटाए जाने पर सवाल किए। जिसपर उन्होंने क्या जवाब दिया पढ़े यहां।

सवाल: आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को लेकर बोर्ड का नए सिरे से गठन और उसमें पुराने चेहरों को हटाकर नए चेहरों को मौका देना क्या चुनावी राजनीति और रणनीति का हिस्सा है?
जवाब : हम इसे इस संदर्भ में नहीं देख रहे हैं। शिवराज जी या गडकरी जी को हटाया नहीं गया है, उनको दूसरे कामों के लिए अधिक समय मिल सके, इस दृष्टि से उन्हें वहां नियोजित करने के उपाय किए गए हैं। चुनाव, राजनीति और उसके परिणाम विशुद्ध रूप से एक-दूसरे से संबंधित जरूर हैं। लेकिन पार्टी की तैयारी किस प्रकार से हो, नीतियां किस प्रकार से बनें, अच्छे निर्णय किस प्रकार से ले सकें, पार्टी को जीत मिले, पार्टी सरकार बनाए यही उद्देश्य रहता है। पार्लियामेंटरी बोर्ड अंतिम फैसला करता जरूर है, लेकिन सबकी राय और सलाह के आधार पर उसमें से निर्णय किए जाते हैं। उनके आधार पर ही कैंडिडेट का चयन होता है और उसी आधार पर पार्टी चुनाव लड़ती है।

सवाल : क्या कैलाश विजयवर्गीय से बंगाल का प्रभार लेना, शिवराज और गडकरी को इस समिति से बाहर रखकर आपको शामिल करना पार्टी का चौंकाने वाला निर्णय है?
जवाब : इस समय कोई संदर्भ नहीं है। हम इसे इस तरह से सोचते भी नहीं है। ये तो समय-समय से बारी-बारी से पारी खेलने का मौका होता है और जैसा कि हम देखते हैं कि अच्छी पारी खेलने के लिए व्यक्ति के अनुभव का अन्यत्र भी उपयोग किया जाना चाहिए। किसी को कोई नया दायित्व देना है तो उसकी जगह पर किसी और को तो लाना ही पड़ेगा। जिन्हें जगह नहीं दी गई या रिटेन नहीं किया गया उनके लिए पार्टी ने कोई और भूमिका निश्चित तौर पर सोच रखी होगी।

सवाल : राजनीति में सक्रिय कैलाश विजयवर्गीय, नरेन्द्र सिंह तोमर, गोपाल भार्गव जैसे नेताओं की जगह आपको तरजीह दी गई। क्या वजह मानते हैं?
जवाब : सभी योग्य लोग हैं। ये कार्यकर्ता के लिए एक मौका होता है। कार्यकर्ता के नाते से मुझे जो मौका दिया गया है। जिन लोगों के नाम आपने लिए हैं वे सभी आदरणीय हैं और अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं।

बता दे कि मध्यप्रदेश के जावद में पैदा हुए डॉ. सत्यनारायण जटिया एक किसान, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और औपचारिक संघीय मंत्री भी हैं। उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है।

इनपुट : दैनिक भास्कर

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