BJP संविधान की धज्जियां उड़ाने में तुली, दबाना चाहती है विधायकों की आवाज़ – पीसी शर्मा

मध्यप्रदेश/भोपाल – सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले विधानसभा के 50 कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसके बाद से विधानसभा में हड़कंप मच गया हैं। सत्र से पहले 50 लोगों के पॉजिटिव आने के बाद राज्य शासन सत्र को टालने पर विचार कर रहीं हैं। तो उधर कांग्रेस शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कह रही है कि सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र को टालना चाहती हैं। कांग्रेस का आरोप है कि शिवराज सरकार भ्रम फैला रही हैं। विधानसभा से सिर्फ एक ही कर्मचारी कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया हैं
मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और दिग्गज विधायक पीसी शर्मा ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया कि वह विधानसभा सत्र को टालने की कोशिश कर रही हैं। पीसी शर्मा ने कहा कि सिर्फ विधानसभा का एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है और बाकी सारे आउटसोर्स कर्मचारी हैं, इसको लेकर मामले की जांच होना चाहिए।
पीसी शर्मा ने कहा कि विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का भी चुनाव होना है लेकिन प्रदेश सरकार इस चुनाव को टालना चाहती है और यही कारण है कि वह सत्र बुलाने से बच रही है। भारत में पहली बार है जब MP में अध्यादेश के जरिए बजट पास किया गया, जो कि विधायकों के अधिकारों का हनन हैं। इस दौरान उन्होंने प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले 22 दिसंबर से विधानसभा सत्र होना था। लेकिन प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा और सरकार ने षड़यंत्र कर इसको कम किया हैं। सप्ताह भर फाइल को घुमाया गया। क्योंकि सरकार विधानसभा में चर्चा करने से डर रही हैं।
शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विधायकों की आवाज को दबाना चाहती है। अध्यक्ष का काम होता है कि विपक्ष का संरक्षण करें विधानसभा का संरक्षण करें बजाय इसके ये सत्ता पक्ष के हिसाब से निर्णय ले रहे हैं।
बीजेपी संविधान की धज्जियां उड़ाने में तुली हुई हैं।
पूर्व मंत्री शर्मा का कहना है कि कांग्रेस की मांग है कि सत्र मात्र 3 दिन नहीं बल्कि 7 दिन चले। साथ ही इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन भी हो। वहीं विधायकों के लगाए गए सभी सवालों का जवाब भी मिलना चाहिए।