किसान बोले, ये सरकार अंबानी और अडानी की सरकार है, अब सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ 20 दिन से किसानों का आंदोलन जारी हैं। कृषि कानूनों की वापसी को लेकर किसान अड़े हैं तो सरकार संशोधन का प्रस्ताव दे रही हैं। किसान लगातार सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा रहे हैं। साथ ही वो अपने आंदोलन को भी गति दे रहे हैं। किसानों ने बुधवार को दिल्ली नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को ब्लॉक करने का ऐलान किया हैं।
किसान संगठनों ने कहा कि सरकार बाहर से आने वाले लोगों को घुसने नहीं दे रही हैं। किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए आना चाहते हैं, लेकिन सरकार उन्हें रोक रही हैं। ये सरकार किसानों की बात नहीं करती है, बस घुमाती हैं। किसानों ने कहा कि ये सरकार अंबानी और अडानी की सरकार हैं। हम इसको अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होने देंगे।
सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा, 'सरकार कह रही है कि वह इन कानूनों को वापस नहीं लेगी, हम कह रहे हैं कि हम आपसे ऐसा करवाएंगे। उन्होंने कहा, 'लड़ाई उस चरण में पहुंच गई है जहां हम मामले को जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, 'हम बातचीत से नहीं भाग रहे हैं लेकिन सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा और ठोस प्रस्ताव के साथ आना होगा।
वहीं, सिंघू बॉर्डर पर किसान टिकेंगे या उन्हें कहीं और भेजा जाएगा, इसपर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।
दरअसल, सिंघू बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि लोगों के इकट्ठा होने से कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। लोगों को हटाना आवश्यक है, क्योंकि इससे सड़कें ब्लॉक हो रही हैं। याचिका में कहा गया कि प्रदर्शनकारियों को सरकार द्वारा आवंटित तय स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और मास्क का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
इमरजेंसी और मेडिकल सर्विस भी बाधित हो रही हैं। यह याचिका कानून की पढ़ाई कर रहे ऋषभ शर्मा ने दायर की हैं।
इसके अलावा किसानों से जुड़ी एक और याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हैं। अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को किसानों की मांग पर विचार करने का निर्देश दे। याचिका में NHRC से किसानों पर हमले के संबंध में मानव अधिकार उल्लंघन से जुड़ी जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया हैं।
कोर्ट आज इन मामलों पर सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी।