ग्वालियर : किसान आंदोलन की आंच पहुंची मप्र तक, यहां किसानों और मजदूरों ने किया चक्काजाम, कही ये बात
मध्यप्रदेश/ग्वालियर – पिछले करीब आठ दिनों से जारी किसान आंदोलन की आग अब मध्यप्रदेश तक पहुंच चुकी हैं। मध्यप्रदेश के ग्वालियर और इसके आसपास के करीब 2000 किसान दिल्ली पहुंच गए हैं।
किसानों की संख्या बढ़ती जा रही हैं। भारी पुलिस बल ने किसानों को दिल्ली में घुसने से रोक दिया हैं।
बताया जा रहा है की ग्वालियर, भितरवार, डबरा सहित ग्वालियर चंबल के कई क्षेत्रों के करीब 2000 किसान आंदोलन में शामिल हो गए हैं। आंदोलन में शामिल ग्वालियर के घरसोन्दी के किसान परगट सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें हरियाणा पुलिस ने पलवल दिल्ली बॉर्डर पर रोक लिया हैं। अब हम इस कानून को वापस होने के बाद ही लौटेंगे। हमने सड़क पर खाना बनाना शुरू कर दिया हैं। अब यहीं सोयेंगे। अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
इस से पहले ग्वालियर में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों और मजदूरों ने फूलबाग चौराहे पर चक्काजाम किया।
किसानों मे यहाँ केंद्र सरकार के बिल को काला कानून बताते हुए जमकर नारेबाजी की। किसानों के चक्काजाम की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने आंदोलनकारियों को सड़क से हटाने की बहुत कोशिश की लेकिन पुलिस सफल नहीं हुई।
माकपा और किसान नेताओं ने कहा कि अभी तो शहर के एक चौराहे पर चक्का जाम किया है यदि सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो गाँव गाँव में आंदोलन होंगे। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार कृषि बिलों को वापस नहीं लेती तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि संशोधन कानून के खिलाफ दल का किसान इस समय आंदोलन कर रहा हैं। दिल्ली के सभी बॉर्डर पर किसानों के जत्थे इकट्ठे हैं। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार ने जो तीन नये कृषि कानून बनाये है उसे वापस ले। ये कानून किसानों की कमर तोड़ने वाले हैं।