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मुरेना में पीएचई के अफसरों का फर्जीवाड़ा, एक्सपायर्ड क्लोरीन को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में किया सप्लाई

मध्यप्रदेश/मुरैना:- सरकारी अधिकारी मुसीबत में भी अपना फायदा करने से नहीं चूकते हैं। ऐसी एक घटना का मामला पीएचई विभाग से सामने आया है। जिसमे विभाग ने 25 लाख रुपए कीमत की 100 एमएल की 50 हजार क्लोरीन की बॉटल मई 2020 में लघु उद्योग निगम के माध्यम से खरीदी थी और नवंबर 2020 में क्लोरीन की एक्सपायर्ड तिथि निकल गई हैं।

हाल ही में चंबल संभाग के भिंड, श्योपुर व मुरैना जिलों में बाढ़ के बाद हैंडपंप, कुओं का पानी बाढ़ से दूषित हो गया है। लेकिन विभाग के कार्यपालन यंत्री आरएस करैया ने इसी एक्सपायर्ड क्लोरीन पर फर्जी तारीख वाले प्रिंट रेपर लगवाकर अंबाह-पोरसा के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में भिजवा दिए।

एक्सपायर्ड क्लोरीन को पानी में डालने से वह साफ जरूर दिखेगा लेकिन पूर्णत: पीने योग्य नहीं रहेगा। एक्सपायर्ड क्लोरीन मिला पानी पीने से शरीर के पाचन तंत्र पर असर पड़ता है।

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