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"शिव राज" में "चुनाव" है ज़रूरी, मगर "जनता" से जुड़े मुद्दों पर बहस से दो गज की दूरी!! "उपचुनाव" हुए, सम्मेलन हो रहे पर सत्र स्थगित…

“शिव राज” में “चुनाव” है ज़रूरी, मगर “जनता” से जुड़े मुद्दों पर बहस से दो गज की दूरी!! “उपचुनाव” हुए, सम्मेलन हो रहे पर सत्र स्थगित…

भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव :-एमपी में 28 विधानसभा उपचुनावों के बाद भी विधानसभा के दो सत्र लगातार स्थगित किये गये… कल ही आज से शुरू होने वाला विधानसभा सत्र स्थगित कर दिया गया.

 शिवराज सिंह चौहान की सरकार में ऐसा लगता है जैसे मानो उनके सम्मेलन में कोरोना का संक्रमण नहीं होता है पर जब बात जहां जनता की करनी हो उस जगह पर उन्हें कोरोना संक्रमण दिखाई देने लगता है. हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के सम्मेलन में कोरोना के नियमों की खूब धज्जियां उड़ी…. 

 कांग्रेस के सारे अरमान आंसुओं में बह गए बता दें कि आज कांग्रेस कृषि बिल के विरोध में ट्रैक्टर से विधानसभा जाने वाली थी पर कल ही सत्र को स्थगित कर दिया गया. कांग्रेसियों को इसकी उम्मीद बिल्कुल नहीं थी कि एक दिन पहले ही इस तरह से सत्र को स्थगित कर दिया जाएगा.
 पर Corona ऐसा आया कि आनन-फानन में एक दिन पहले ही बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कमलनाथ के सामने ही सत्र स्थगित करने की बात कर दी.. अब ऐसे में कांग्रेसी क्या करते हैं उन्हें भी यह बात समझ में आ गई है कि “जिसकी लाठी उसकी भैंस”। 
 अब ऐसा लग रहा है कि जैसे कांग्रेसियों को अपना जादू दिखाने के लिए नए मंच की तलाश करनी पड़ेगी.. क्योंकि जनता तो मासूम है वह Shivraj और मोदी के झूठे छलावे में आए जा रही है.. और अब तो यह बात भी कहने लगी है कि कांग्रेस ना तो सरकार चला पाती है ना ही विपक्ष में विरोध कर पाती है…. 

 सोमवार को दिलाया जाएगा नए विधायकों को शपथ:-

 वहीं अब उपचुनाव में जीत कर आए नए विधायकों को सोमवार सुबह 11:30 बजे शपथ दिलाई जाएगी… 
 यानी विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह होगा पर सत्र कराने में शिवराज सिंह चौहान को हर वक्त परेशानी होती है. 
 सरकार का कहना है कि कई विधायकों व कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जिसकी वजह से सत्र स्थगित किया गया है. कल प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि गाइडलाइन के अनुसार 105 लोग ही सदन में बैठ सकते हैं. और इस वजह से सब कुछ संभव नहीं है.. 

 विधानसभा को नए अध्यक्ष के लिए और करना होगा इंतजार:- 
 शीतकालीन सत्र स्थगित होने से विधानसभा को नए अध्यक्ष के लिए और इंतजार करना पड़ेगा, बता दें कि इस सत्र के दौरान 29 दिसंबर को अध्यक्ष का चुनाव होना तय था.. 
 जब कांग्रेस की सत्ता हटी तो 24 मार्च को एनपी प्रजापति ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था.. इसके बाद जगदीश देवड़ा को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था पर जगदीश देवड़ा के मंत्री बनने के बाद 2 जुलाई से रामेश्वर शर्मा प्रोटेम स्पीकर के पद पर हैं. जुलाई में सत्र स्थगित होने और 21 सितंबर को 1 दिन का ही सत्र होने से अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाया था.. 
 और अब तो सत्र टल चुका है यानी नए अध्यक्ष के लिए और लंबा इंतजार करना पड़ेगा.. 

 कोरोना का इस्तेमाल कर रही सरकार:- 
 एक समय जब कोरोना Peak पर था तब मध्यप्रदेश में उपचुनाव कराया गया. इस दौरान कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही नेता अलग-अलग सीटों पर प्रचार प्रसार और सम्मेलन करते नजर आए और इस दौरान नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई गई. 
 कोरोना को लेकर अब ऐसा मालूम हो रहा है कि सरकार इस वायरस का जमकर इस्तेमाल कर रही है. जब सरकार के लिए कोरोना उपयोगी है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं, उपचुनाव कराने थे तब सरकार के लिए कोरोना नहीं था. केंद्र सरकार के निर्देश पर हर जिले में किसान सम्मेलन हो रहे हैं तब कोरोना नहीं है पर जब विधानसभा में 230 विधायकों को बैठाना है तो इन्हें कोरोना का डर सताने लगा है
 ऐसा साफ समझ में आ रहा है कि सरकार ने कोरोना को अपने इस्तेमाल या बचाव का यंत्र बना लिया है.. 
 विधायकों को खरीद कर बनी सरकार विधायकों का इस्तीफा कराएगी पर सत्र कराने में परेशानी है… 

MP अजब है, सबसे गज़ब है!!

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