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विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान हंगामा,सीएम कमलनाथ ने कहां-सरकार चलाने और मुंह चलाने में अंतर है

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान हंगामा,सीएम कमलनाथ ने कहां-सरकार चलाने और मुंह चलाने में अंतर है

भोपाल विधानसभा में गुरूवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष गेंहू पर बोनस के मामले पर ऐसे उलझे के एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हुए सदन की गरिमा से नीचे उतर आए। और सदन में जमकर हंगामा हुआ साथ ही सभी मंत्री इस चर्चा में कूद पड़ें और आरोप लगाने का मौका किसी ने भी नही गवाया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सदन में कहा कि मुंह चलाने और सराकर चलाने में अंतर होता है। मध्यप्रेदश से भाजपा के 28 सांसद हैं एक ने भी लोकसभा में अतिवृष्टि से फसल बर्बादी का मुद्दा नहीं उठाया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने भी मुंह नहीं चलाया, सरकार चलाई है। इसके बाद तो इस मामले पर एक के बाद एक नेता की जबान फिसलती चली गई। प्रश्नकाल के दौरान किसानों को गेंहू को बोनस देने का मुद्दा उठने के दौरान यह विवाद हुआ। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि पिछले साल बोनस देने के कारण केंद्र ने पीडीए का 7 लाख टन गेंहू खरीदने से इनकार कर दिया है। यहां बैठे विपक्ष के साथी भी केंद्र सरकार से इस मामल में टेकअप करे कि गेंहू का बोनस बांटने दिया जाए। इससे यह भी साफ हो जाएगा कि आप सदन के बाहर केंद्र से भी चर्चा के लिए तैयार हैं।

मुख्यमंत्री की टिप्पणी के बाद सदन में भारी हंगामा शुरू हो गया। एक के बाद एक सत्ता और विपक्ष के नेताओं ने मुंह चलाने की बात पर टिप्पणी कर डाली। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह घोर आपत्तिजनक है। तभी नरोत्तम मिश्रा ने कह डाला कि यह सच है कि मुंह चलाने और सरकार चलाने में अंतर होता है।

कांग्रेस से सरकार नहीं चल रही, सिर्फ मुंह चल रहा है। इन्होंने पहले क्यों मुंह चलाया कि किसानों को 160 रुपए बोनस का देंगे। इस दौरान जब शिवराज ने कहा कि हमने भी मुंह नहीं चलाया, सरकार ही चलाई है तो इसके जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी कूद पड़े, उन्होने कहा- आपके पास मुंह चलाने के अलावा कुछ नहीं था। आपने जितना मुंह चलाया उतना किसी ने नहीं चलाया।

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