भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव के आते ही एक बार फिर हड़तालों का दौर शुरू हो गया है। जिसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि प्रदेश के करीब 10 हजार स्वास्थ्य चिकित्सकों ने कार्य बंद आंदोलन पर जाने का फैसला लिया है। साथ ही आज से हर दिन वादा स्मरण दिवस मनाया जाएगा। उच्च स्तरीय समिति की बैठक के निर्णय को पारित ना करने से नाराज प्रदेश के चिकित्सक 1 मई से हड़ताल पर जाएंगे। दरअसल, 17 फरवरी को निर्मित उच्च स्तरीय समिति को 1 माह में अपना प्रतिवेदन मुख्यमंत्री को देना था। जिसके बाद उच्च स्तरीय समिति के प्रतिवेदन पर त्वरित शासन के आदेश निकालने की बात पर आंदोलन स्थगित किया गया था। लेकिन दो महीने के बाद उच्च स्तरीय समिति के निर्णय के बावजूद अभी तक डीएसीपी और अन्य लंबित कोई भी विभागीय आदेश नहीं निकाले गए। जिसे लेकर चिकित्सकों में नाराजगी देखने को मिल रही है।
जिसके बाद महासंघ प्रतिवेदन को लागू कर आदेश निकालने के लिए शासन को दो महीने के बाद 2 सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया गया। जिसके बाद भी कोई फैसला नहीं लिया गया। चिकित्सकों ने 17 अप्रैल से हर दिन वादा स्मरण दिवस मनाते हुए कार्य बंद आंदोलन की तारीख गिनाने का फैसला लिया है। 1 मई से नए रूप में कार्य बंद आंदोलन किया जाएगा। 3 मई से निरंतर समस्त चिकित्सीय कार्य बंद आंदोलन, कार्यस्थल के बाहर टेंट और माइक लगाकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। आपको बता दें कि गर्मी बढ़ते कोविद केसों के बीच यदि डाक्टरों ने हड़ताल की तो इसका अच्छा खासा खामियाजा जनता को भुगतना पड़ सकता है। अब देखना यह है कि इस स्थिति में सरकार किस तरह से नाराज चिकित्सकों को मनाने का काम करेगी।