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दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग को घेरा, एक के बाद एक ट्वीट कर उठाए सवाल…

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मंगलवार को मतदान वाले दिन मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा से फायरिंग की खबरें सामने आई।यहां मतदान के बीच कांग्रेस-भाजपा के कार्यकर्ता आपस मे भीड़ गए, और फायरिंग भी हुई।

जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने शांतिपूर्ण चुनाव कराने में प्रशासन व चुनाव आयोग को पूर्ण रूप से असफल बताया। दिग्विजय सिंह ने लगातार एक के बाद एक ट्वीट करके चुनाव आयोग पर सवाल उठाए।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा की – सुमावली के वॉरंटी उत्पात मचाते रहे और पुलिस उनका खुले आम सहयोग करती रही। दिमनी के निर्दोष वोटरों को पुलिस पकड़ कर ले गई वोट भी नहीं डालने दिया। जो मुरैना ज़िले में गोलीयॉं चलीं लोगों को पीटा गया मोटर सायंकालें जलाई गईं उसके लिए पूरी तरह से ज़िला पुलिस व प्रशासन ज़िम्मेदार है।

उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा की – यदि सुमावली व मेहगांव के भाजपा उम्मीदवारों के साथ कॉंग्रेस के उम्मीदवारों को भी जिस तरह गोहद व ग्वालियर के उम्मीदवारों को थाने में या डाक बंगले में बैठा लिया होता तो मतदान शांतिपूर्ण हो जाता। गोहद के दलित उम्मीदवारों को बैठा लेने की क्या ज़रूरत थी?

दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा की – सुमावली में मैंने एसपी मुरैना सीईसी के पुलिस ऑब्ज़र्वर एमके दास सेवा निवृत्त डीजीपी को आगाह किया था लेकिन सुबह ८ बजे से शाम ५ बजे तक गोली चलती रही गरीब मज़दूर व महिलाओं को वोट नहीं डालने दिया वे सुमावली थाने का घेराव करती रहीं। लेकिन प्रशासन व चुनाव आयोग पूर्ण रूप से असफल रहा।

जबकि एक अन्य ट्वीट में लिखा की – माननीय केंद्रीय चुनाव आयोग क्षमा करेंगे आपके मुरैना में भेजे गए IAS व IPS आब्जर्वर सूचना देने के बाद भी शांति पूर्ण मतदान नहीं करा पाए। क्या उनकी जवाबदारी तय की जाएगी? क्या ज़िला प्रशासन व ज़िला पुलिस अधिकारियों की CR में CEC का displeasure communicate किया जाएगा? देखते हैं।

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