MP में भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर DGP की सख्ती: रिश्वत और थाने में शराब पीते मिले थे पुलिसकर्मी

भोपाल। जब रक्षक ही भक्षक बन जाये तो आम जनता को रक्षा कौन करेगा। कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों मध्यप्रदेश का है। जहां भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने सख्त कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार करने वाले निलंबित पुलिसकर्मियों को 800 किलोमीटर दूर भेज दिया गया है। बाहर भेजे गए पुलिस कर्मी को नए स्थान पर भी मैदानी पदस्थापना नहीं मिलेगी, लाइन अटैच ही रहेंगे। दरअसल, प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पुलिसकर्मियों को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा हैं। जिसके बाद डीजीपी सुधीर सक्सेना ने इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। एमपी में पुलिस कर्मियों के विरुद्ध इस तरह की कार्रवाई पहली बार की गई है।
ये है केस
28 मार्च को रीवा में ट्रैफिक सूबेदार दिलीप कुमार तिवारी और आरक्षक अमित सिंह को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। जिसके बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया था। दोनों का मुख्यालय परिवर्तन किया गया। दिलीप तिवारी को रीवा से शाजापुर और अमित सिंह को भिंड भेजा गया।
30 मार्च को रीवा जिले के थाना प्रभारी सुनील कुमार गुप्ता और उप निरीक्षक रानू वर्मा की होटल संचालक से पैसे मांगने की शिकायत आई थी। जिस पर लोकायुक्त ने कार्रवाई की थी। जिसके बाद एक को खंडवा और दूसरे को टीकमगढ़ स्थानांतरित किया गया।
उज्जैन में आरक्षक रवि कुशवाहा को लोकायुक्त पुलिस ने 6 अप्रैल को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। इसके बाद आरक्षक निलंबित कर उज्जैन से सीधी मुख्यालय अटैच किया गया। मामले में चिमन गंज मंडी के थाना प्रभारी जितेंद्र भास्कर को पुलिस लाइन उज्जैन में अटैच किया गया।