Delhi Election 2020 :- AK और PK साथ साथ
2014 में एनडीए को मिले भारी बहुमत और भाजपा को मिले एक तरफा समर्थन के पीछे एक चाणक्य दिमाग भी था। ना ना ना अमित शाह का नहीं बल्कि पीके का यानी कि प्रशांत किशोर का ।उस समय की लगभग सभी रिपोर्ट में आप वोटों के आकलन और राज्यवार तरीके से चुनाव को विभिन्न अलग-अलग मुद्दों पर भुनाने के रीजन के पीछे पीके का ही दिमाग काम कर रहा था। फिर उसके बाद अमित शाह से मनमुटाव के चलते पीके ने एनडीए छोड़ दी और हाथ थाम लिया बिहार जाकर सुशासन बाबू यानी नीतीश कुमार का और अभी वर्तमान में जेडीयू से राज्यसभा के सांसद भी है। इसके बाद पीके पहुंच गए ममता बनर्जी के पास और उनकी कंपनी ममता बनर्जी का सोशल मीडिया मैनेजमेंट से लेकर सरकार के विभिन्न कार्यों को जनता के समक्ष कैसे लाया जाए इसके पीआर पर काम करने लगी। अब इसी श्रेणी में नाम शामिल होने जा रहा है दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल का, बकायदा केजरीवाल ने ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी देते हुए कहा है।
हमें यह खबर साझा करने में प्रसन्नता हो रही है कि @indianpac हमारे साथ ऑन-बोर्ड आ रहा है।
आपका स्वागत है :- अरविंद केजरीवाल।
खैर दिल्ली चुनाव में अब कुछ ही महीना बचा है और ऐसे में प्रशांत किशोर यानी कि राजनीतिक विश्लेषक पीके का आम आदमी पार्टी का चुनाव मैनेजमेंट करना भाजपा के लिए सिर दर्द का विषय बन सकता है। क्योंकि पीके मुद्दों को भुनाने में और अपने तरीके से चुनाव मैनेजमेंट करवाने के लिए जाने जाते हैं। जिसका उदाहरण वह पूर्व में भी दे चुके हैं। देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा पीके के आने के बाद एके की ताकत बढ़ती है या घटती है।