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Corona के आकड़े चौकाने वाले, बेपरवाह सिस्टम….कंटेनमेंट एरिया केवल कागजों पर, रोकने-टोकने वाला कोई नहीं 

मध्यप्रदेश/भोपाल – मध्यप्रदेश में बीते कई दिनों से कोरोना संक्रमण की रफ़्तार बढ़ी हैं। प्रदेश में लगभग हर रोज़ 2 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, बात सिर्फ राजधानी भोपाल की करें तो यहां रोजाना करीब 500 के आसपास मरीज मिल रहे हैं। बावजूद इसके सैंपलिंग, टेस्टिंग, होम आइसोलेशन और कांटैक्ट ट्रेसिंग तक में लापरवाही बरती जा रही हैं। तमाम कोविड गाइडलाइन के बाद भी सिस्टम बेपरवाह है..तो क्या ये माना जाए कि सिस्टम की हर्ड इम्यूनिटी डेवलप हो गई है? ऐसे में चुनौती यह है कि संक्रमण की इस रफ्तार पर काबू कैसे पाएंगे।

बता दे कि शहर में लगातार बढ़ रहे कोरोना की रफ़्तार को देखते हुए 20 स्थानों को माइक्रो कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया हैं। लेकिन ये कंटेनमेंट एरिया केवल कागजों पर हैं। ज्यादातर जगह पर ऐसे ही हालात हैं कि लोग बेरोकटाेक आ-जा रहे हैं। एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर उन्हें कोई रोकने-टोकने वाला भी नहीं हैं। जिन घरों को माइक्रो कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया है, उन घरों में रहने वाले अन्य लोग भी आ-जा रहे हैं, ऐसे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ। प्रशासन का दावा है कि बैरिकेडिंग की गई है, लेकिन इसके बाद भी लापरवाही जारी है। श्यामला हिल्स, प्रोफेसर कॉलोनी, भरत नगर समेत सभी माइक्रो कंटेनमेंट इलाके में एक जैसी ही हालात हैं।

इस पुरे मामले पर भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि कंटेनमेंट एरिया में बेरिकेड्स लगाए गए हैं। संक्रमित भी अपनी जिम्मेदारी समझें कि वे बाहर न आएं। संबंधित एसडीएम को भी निर्देश दिए जा रहे हैं। बाहर घूमने वालों पर जुर्माना होगा।

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