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मरकज पर फूटा सीएम शिवराज का गुस्सा, पीएम मोदी से इन मुद्दों पर हुई बात

भोपाल डेस्क: पीएम नरेंद्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ लॉकडाउन और कोरोना को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में मरकज के कारण कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने प्रधानमंत्री को ताजा हालात के बारे में भी जानकारी दी। इसके अलावा मध्यप्रदेश में कोरोना आपदा की रोकथाम को लेकर उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार फिलहाल लॉकडाउन हटाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों की जिंदगी बचाना ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसलिए लॉक डाउन जरूरी है। प्रधानमंत्री के साथ यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करीब चार घंटे चली। तमाम राज्यों में मुख्यमंत्रियों ने भी लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया है। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश में भी दो हफ्ते लॉकडाउन बढ़ सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश लगातार टेस्टिंग क्षमताओं को बढ़ा रहा है। किट और एन- 95 मास्क का वितरण तेजी से किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि उज्ज्वला सिलेंडर, जनधन खातों में पैसा आना प्रारंभ हो गया है। साथ ही प्रदेश सरकार ने 23 कोविड हॉस्पिटल चिन्हित कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि सरकार चार स्तरीय योजना पर काम कर रही है। भोपाल व इंदौर में अलग-अलग जोन बांटे हैं। दवा इंडस्ट्री के काम में बाधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाहर से जो मजदूर आएं हैं, उनमें किसी भी मजदूर में कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं।

प्रदेश में शराब दुकानें, जमीनों के पंजीयन सहित राजस्व संग्रह के तमाम रास्ते बंद होने पर राज्य सरकार ने जिलों में कोरोना महामारी रोकने में विधायक निधि (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की राशि) का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है।

कलेक्टर क्षेत्रीय विधायक की अनुशंसा से विधायक निधि से जरूरी चिकित्सीय उपकरण खरीद सकेंगे। इस संबंध में शनिवार को योजना, आर्थिक सांख्यिकी विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं।विभाग के निर्देशों में कलेक्टरों से साफ कहा गया है कि वे विधायक निधि का इस्तेमाल इंफ्रा रेड थर्मामीटर, पीपीई किट्स, कोरोना टेस्टिंग किट्स, वेंटिलेटर, आइसोलेशन या क्वारंटाइन वार्ड बनाने सहित मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर खरीदने में करें।

इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जिन स्वास्थ्य उपकरणों की खरीदी को कहा जाता है, कलेक्टर वह खरीद सकेंगे। विभाग ने साफ कहा है कि जिस सामग्री की खरीदी की जाए। वह स्वास्थ्य विभाग के मापदंड पर खरी उतरती हो। वहीं, सामग्री खरीदी की प्रक्रिया पारदर्शी रखी जाए। इस सामग्री की लिस्टिंग जिलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी करेंगे और शासन स्तर से इसका ऑडिट किया जाएगा।

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