सबसे बड़े गैर राजनैतिक "चयनित शिक्षकों" के मुद्दे पर सियासत तेज़, वरुण तन्खा से नही मिलेंगे चयनित, सीएम ने कहा "केस लूंगा वापस"
सबसे बड़े गैर राजनैतिक चयनित शिक्षकों के मुद्दे पर सियासत तेज़, वरुण तन्खा से नही मिलेंगे चयनित, सीएम ने कहा “केस लूंगा वापस”
द लोकनीति डेस्क:गरिमा श्रीवास्तव
मध्यप्रदेश में एक गैर राजनीतिक मुद्दा है जो लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है और इसी मुद्दे को लोग राजनैतिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं. वह गहन मुद्दा है चयनित शिक्षकों का.
18 अगस्त का वह दिन राजधानी भोपाल के नेताओं को जरूर याद होगा चाहे वह भाजपा के नेता हो या फिर कांग्रेस के.
रक्षाबंधन के ठीक 4 दिन पहले मध्य प्रदेश की चयनित शिक्षिकाएं राजधानी भोपाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी बांधने आई थी.
हजारों की संख्या में चयनित शिक्षक भोपाल बीजेपी कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद कांग्रेस के दो दिग्गज नेता जीतू पटवारी और कुणाल चौधरी भी यहां पर आए. हालांकि प्रदर्शन स्थल पर गो बैक के नारे भी लगाए गए. चयनित शिक्षकों ने कहा कि हमें अपने प्रदर्शन को बिल्कुल भी राजनैतिक नहीं बनाना है. जीतू पटवारी ने भी इस दौरान बयानबाजी की और कहा कि सरकार का यह कर्तव्य है कि चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र थमाये. प्रदर्शन चलता रहा मुख्यमंत्री का इंतजार चयनित शिक्षिकाएं करती रही पर मुख्यमंत्री प्रदर्शन स्थल पर नहीं पहुंचे बल्कि डीआईजी के निर्देशों पर चयनित शिक्षकों पर नामजद f.i.r. दर्ज किए गए.
देर शाम तक प्रदर्शन चलता रहा बारिश होती रही फिर भी चयनित शिक्षकों का प्रदर्शन चलता रहा. इस दौरान महिला चयनित शिक्षक और महिला पुलिस बल के बीच झूमा झटकी भी हुई.
डीआईजी इरशाद वाली लगातार पुलिस बल को निर्देश दे रहे थे.चयनित शिक्षकों पर नामजद एफ आई आर दर्ज किए गए.
अब यह मुद्दा तब और ज़्यादा गरमा गया जब सांसद विवेक तंखा के बेटे वरुण तंखा ने ट्वीट करते हुए कहा कि जिन चयनित शिक्षकों पर 18 अगस्त के दिन एफ आई आर दर्ज हुई है वह उनका केस निशुल्क लड़ेंगे..
तो आप समझिए कि किस तरह चयनित शिक्षकों का गैर राजनैतिक मुद्दा गैर राजनीतिक प्रदर्शन राजनीतिक रंग लेने की कोशिश कर रहा है. राजनीतिक गैर राजनीतिक प्रदर्शन को अपनी राजनीति मे घसीटने की कोशिश कर रहे हैं. द लोकनीति ने जब विवेक तंखा के बेटे वरुण तनखा से बात की तो उन्होंने कहा कि वह 26 अगस्त को जबलपुर में चयनित शिक्षकों से मिलेंगे.
वहीं दूसरी तरफ चयनित शिक्षक संघ ने कहा कि वह अपना यह केस वरुण तनखा को नहीं देना चाहते हैं. 26 अगस्त को जबलपुर में चाहे वरुण तन्खा ने चयनित शिक्षकों से मिलने की बात सही है लेकिन चयनित शिक्षक उनसे नहीं मिलेंगे. चलो शिक्षक ने कहा कि हमारा यह प्रदर्शन पूरी तरह से गैर राजनैतिक है इसे राजनीति में ना घसीटा जाए. हम अपने मुद्दों पर सिर्फ सरकार से बात करेंगे. बताते चलें कि हाल ही में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से चयनित शिक्षकों की मुलाकात भी हुई थी जिसके बाद उन्हें फिर से आश्वासन मिला है चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने चयनित शिक्षकों के मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि सरकार की तरफ से प्रक्रिया पूरी हो गई है. यह मामला कोर्ट में चल रहा है जल्द इन्हें नियुक्ति मिलेगी.
एक बार फिर से यह “जल्द” शब्द चयनित शिक्षकों के लिए मुश्किल भरा हो चुका है. लेकिन चले शिक्षकों ने यह बात बिल्कुल साफ कर दी है कि वह अपना केस वरुण तन्खा को नहीं देंगे. बताते चलें कि 18 अगस्त को 27 चयनित शिक्षकों पर मामला दर्ज किया गया था हालांकि अभी तक सरकार ने यह मुकदमा वापस नहीं लिया है.
मुख्यमंत्री ने किया वादा, चयनितों का मुकदमा वापस लेगी सरकार:
पर कल मुख्यमंत्री ने चयनितों से वादा किया है कि उनका मुकदमा वापस लिया जायेगा.सीएम से 24 अगस्त को चयनितों ने मुलाकात की इस दौरान उन्होंने कहा कि सारे बच्चे अपने हैं मैं किसी का अहित नही होने दूंगा , सभी पर दर्ज़ हुए एफआईआर वापस ले लूँगा,