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मानवता शर्मसार Rewa : बाहर से लौटे मजदूरों से वसूला जा रहा 2 से 3 हज़ार तक किराया

रीवा

कोरोना वायरस (Covid-19) का संक्रमण देश में लगातार बढ़ता जा रहा है। दूसरे राज्यों के लोग अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन(Lockdown) के चलते फंसे हुए हैं। मध्यप्रदेश के भी कई मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं जहां से राज्य सरकार उनको लाने के लिए कोशिशें कर रही हैं। लेकिन कुछ लोग इस महामारी (Pandemic) के दौरान भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला रीवा का है रीवा में मजदूरों को लाने के लिए लगाई गई बसों में अवैध वसूली हो रही थी। यहां तक कि एक टिकट का मजदूरों से बस ड्राइवर और कंडक्टर ₹3000 तक वसूल रहे थे।

रीवा में आज गुजरात में फंसे मजदूरों को लेकर दो बस आए थे। दोनों बसों में 50 से ज्यादा मजदूर सवार थे। जैसे ही बस रीवा पहुंचे तो उसमें सवार यात्रियों से किराए के रूप में 2 से ₹3000 वसूले जा रहे थे लेकिन जैसे ही इस मामले की जानकारी आरटीओ विभाग को मिली विभाग तुरंत हरकत में आया और बाईपास में नाकेबंदी कर दोनों बसों को अपने कब्जे में ले लिया। दोनों बसों को पुलिस ने जप्त कर लिया है और उनके खिलाफ विशेष कार्रवाई भी की जा रही है।

सख्ती दिखाई जा रही 

खबर आई थी कि सतना और ग्वालियर में ड्राइवर और बस मालिक मजदूरों से अवैध वसूली कर रहे हैं जिसके ऊपर प्रशासन सख्त हो गया है। प्रदेश सरकार ने लोगों से वादा किया है कि सभी को मुफ्त घर पहुंचाया जाएगा किसी से कोई भी किराया नहीं वसूला जाएगा लेकिन बस कंडक्टर और पैरों की हरकत के बाद सरकार ने कुछ जरूरी कदम उठाए हैं। रीवा और ग्वालियर दोनों ही जगह बस ड्राइवर और बस मालिकों पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है। एक तरफ जहां कोरोना महामारी और लॉक डाउन के चक्कर में मजदूर अपनी रोजी-रोटी को भी तरस रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अमीरों की ऐसी हरकत समाज पर बड़ा धब्बा लगाने का काम करती है।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

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