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MP:-नए नियम के अंतर्गत किराएदार ने अगर मकान खाली नहीं किया तो कई गुना बढ़ सकता है किराया!

MP:-नए नियम के अंतर्गत किराएदार ने अगर मकान खाली नहीं किया तो कई गुना बढ़ सकता है किराया!

भोपाल / गरिमा श्रीवास्तव :– लॉकडाउन में ऐसा देखा गया है कि मकान मालिक और किरायेदारों के बीच काफी विवाद की स्थिति बन गई वजह यह की मकान मालिक किराया जाते हैं और किराएदार लॉक डाउन की वजह से किराया नहीं देना चाहते… कई किराएदार तो लॉकडाउन के दौरान अपने निवास स्थान चले गए, जिसके बाद अब उनका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान हम किराया दे पाने में असमर्थ हैं. और इन्हीं सब बातों की वजह से मकान मालिक और किरायेदारों के बीच में विवाद के कई मामले सामने आ चुके हैं, बहुत जल्द ही इसके बाद से निपटने के लिए राज्य सरकार किराएदारी अधिनियम 2020 लागू करने वाली है, 
 बता दें कि नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसका ड्राफ्ट बनाकर सहमति के लिए केंद्र सरकार को भेज दिया है. इस नए अधिनियम के अंतर्गत मकान का अनुबंध खत्म होते ही किराएदार मकान खाली नहीं करता है तो उसे पहले 2 माह में दोगुना और तीसरे महीने से 4 गुना किराया देना पड़ सकता है… 
 और इस प्रकार के विवाद की सुनवाई सिविल कोर्ट में अपील नहीं की जा सकेगी… 
 किराएदारी से संबंधित कोई भी विवाद किराया ट्रिब्यूनल और किराया प्राधिकारी और रेंट कोर्ट में निपटाया जाएगा. 

 अगर किराएदारी  अधिनियम 2020 लागू हो जाती है जिलों में किराया प्राधिकारी डिप्टी कलेक्टर होंगे. वही साथ ही यह भी बता दें कि रेंट कोर्ट में अतिरिक्त कलेक्टर व ट्रिब्यूनल में जिला जज नियुक्त किए जाएंगे. 
 मकान का किराया मालिक और किराएदार की सहमति से ही पड़ेगा. 
 मकान में किसी प्रकार के टूट-फूट व मरम्मत से संबंधित उत्तरदायित्व पार्ट ए व पार्ट बी में विधिवत रूप से तय किए गए हैं. 
 मालिक किराएदार का करारनामा उनकी मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी ऊपर भी लागू होगा जबरन घर खाली नहीं करा सकेंगे. 
 साथ ही जो मकान मालिक प्रदेश  व इससे बाहर रहने वाले हैं उनके लिए प्रॉपर्टी मैनेजर और रेंट एजेंट काम करेंगे जिनका रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा…

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