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Breaking सिहोरा : यहां समर्थन मूल्य पर पुरानी धान को बेचने की थी तैयारी, प्रशासन ने मारा छापा देखें video 

Breaking सिहोरा : यहां समर्थन मूल्य पर पुरानी धान को बेचने की थी तैयारी, प्रशासन ने मारा छापा देखें video 

  • गोसलपुर के अन्नपूर्णा वेयरहाउस से 400 क्विंटल पुरानी धान जप्त
  • सिहोरा के प्रशासनिक अमले ने औचक निरीक्षण के दौरान की कार्रवाई
  • धान संजय यादव की बताई जा रही है जप्त धान को सैंपल लेकर परीक्षण के लिए भेजा गया

देखें video – https://fb.watch/1SdRn0gauf/

द लोकनीति डेस्क सिहोरा

समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी अभी सही तरीके से शुरू हुई भी नहीं है, लेकिन बिचौलियों ने पुरानी धान को बेचने का काम शुरू कर दिया है। इसी तरह का एक मामला सिहोरा तहसील के गोसलपुर क्षेत्र में सामने आया है। जहां औचक निरीक्षण के दौरान प्रशासनिक अमले ने 400 क्विंटल पुरानी धान जप्त की है। प्रशासनिक अमले ने धान को जप्त करते हुए इस के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं।
 यह है पूरा मामला : जानकारी के मुताबिक उपार्जन व्यवस्था का अनुचित लाभ उठाने की कोशिश करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर सिहोरा एसडीएम चंद्र प्रताप गोहिल और तहसीलदार राकेश चौरसिया ने गुरुवार को औचक निरीक्षण के लिए गोसलपुर के पास स्थित अन्नपूर्णा वेयरहाउस पहुंचे। निरीक्षण के दौरान अन्नपूर्णा वेयरहाउस के पास अवैध रूप से धान रखी हुई थी। निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई कि यह धान पुरानी है। जानकारी लेने पर पता चला तो यह पुरानी धान संजय यादव नाम के युवक की बताई जा रही है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह युवक व्यापारी या बिचौलिया है, जिसने पुरानी धान को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए यहां स्टार्ट करके रखा हुआ था।

400 क्विंटल पुरानी धान,  कीमत 720000 रुपये : जानकारी के मुताबिक जप्त की गई धान करीब 400 क्विंटल बताई जा रही है जिसकी कीमत 720000 रुपये के आसपास है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत से ही बिचौलिए और व्यापारी पुरानी धान को बेचने के लिए सक्रिय हो गए हैं। इतनी पुरानी धान संबंधित व्यापारी या बिचौलिए के पास कहां से आई यह जांच का विषय है।
धान के सैंपल जांच के लिए भेजे : मौके पर जप्त की गई करीब 400 क्विंटल पुरानी धान के सैंपल प्रशासनिक राजस्व और फूड विभाग के अमले ने जांच के लिए भेजें हैं। प्लास्टिक की बोरियों में रखी हुई यह धान समर्थन मूल्य पर बेचकर बिचोली और व्यापारी लंबा मुनाफा कमा लेती यदि समय रहते प्रशासनिक अमले ने इस धान को न पकड़ा होता।

 

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