प्रदेश के 32 जिलों में फैला Bird Flu, अब तक करीब 3,890 कौओं एवं जंगली पक्षियों की मौत, पशुपालन मंत्री ने दिए ये निर्देश
मध्यप्रदेश – कोरोना के बाद अब मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू का खतरा तेजी के साथ बढ़ने लगा हैं। प्रदेश के 32 ज़िले इसकी चपेट में आ चुके हैं। प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के मुताबिक झाबुआ, हरदा और मंदसौर में कुक्कुट फार्म में वायरस मिलने से मुर्गे-मुर्गियों को मार कर दफनाने और भारत शासन द्वारा जारी परामर्श के अनुसार कार्रवाई की गई हैं। उन्होंने कहा कि इन तीन जिलों के अलावा 29 अन्य जिलों – इंदौर, आगर मालवा, नीमच, देवास, उज्जैन, खण्डवा, खरगोन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, दतिया, अशोकनगर, बड़वानी, भोपाल, होशंगाबाद, बुरहानपुर, छिन्दवाड़ा, डिण्डोरी, मण्डला, सागर, धार, सतना, पन्ना, बालाघाट, श्योपुर, छतरपुर और रायसेन में कौओं एवं जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू पाया गया हैं।
प्रदेश में 26 दिसंबर से अब तक करीब 3,890 कौओं एवं जंगली पक्षियों की मौत हुई हैं। पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने बताया कि प्रदेश में अब तक 3,890 कौओं और जंगली पक्षियों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हो चुकी हैं। विभिन्न जिलों से 453 नमूने राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला, भोपाल को जांच के लिये भेजे जा चुके हैं।
पशुपालन मंत्री ने बर्ड फ्लू से अप्रभावित जिलों को सावधानी और सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को ‘एवियन इन्फ्लूएंजा’ के बचाव और रोकथाम नियंत्रण का भरपूर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश देते हुए कहा कि जलाशयों एवं अभयारण्यों पर भी निगरानी रखें। आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिये आवश्यक पीपीई किट्स, उपकरण, दवाइयों का स्टॉक आदि तैयारियां चाक-चौबंद रखें। उन्होंने अप्रभावित जिलों के कुक्कुट फार्म व्यवसाइयों से अपील की है कि वे पूर्ण सतर्कता बरतें। पक्षियों अथवा मुर्गियों में अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना मिलते ही तत्काल अपने जिले के नियंत्रण-कक्ष को सूचित करें।
बता दे की मध्यप्रदेश के अलावा केरल, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई हैं। गुजरात और हरियाणा के कुछ और जिलों से भी सैंपल भोपाल लैब को मिले हैं। इसके अलावा भोपाल की हाई सिक्यूरिटी लैब को छत्तीसगढ़ और झारखंड के रांची से भी सैंपल भेजे गए हैं।