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MP BJP में बड़ा बदलाव, सभी संभागीय संगठन मंत्रियों को हटाया, अब इस बात पर अटकलें तेज़ 

  • बीजेपी में संगठन स्तर पर बड़ा हुआ बदलाव 
  • छह संभागीय संगठन मंत्रियों की कर दी गई छुट्टी 
  • आखिर क्या हो सकती है इसके पीछे की वजह 
  • चढ़ा प्रदेश का सियासी पारा 

भोपाल/खाईद जौहर : बुधवार को बीजेपी प्रदेश पदाधिकारियों की बड़ी और अहम बैठक कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गढ़ राजगढ़ ज़िले में हुई थी, जिसका असर अब देखने को मिला है। इस बैठक के बाद बीजेपी में संगठन स्तर पर बड़ा बदलाव हुआ है। बीजेपी ने अपने सभी छह संभागीय संगठन मंत्रियों की छुट्टी कर दी है। इन सभी को तत्काल प्रभाव से प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बना दिया गया है। 

बता दे कि बीजेपी में 6 संभागीय संगठन मंत्री थे। जिनके काम का बंटवारा संभागीय स्तर पर किया गया था। जिसमें शैलेन्द्र बरुआ – ग्वालियर, जितेंद्र लिटोरिया – उज्जैन, आशुतोष तिवारी – भोपाल, श्याम महाजन – रीवा – शहडोल, जयपाल चावड़ा -इंदौर और केशव सिंह भदौरिया – सागर संभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। 

बीजेपी द्वारा छह संभागीय संगठन मंत्रियों की छुट्टी कर देने के बाद प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है, कई तरह के सवाल इसको लेकर खड़े हो रहे है, साथ ही कई तरह की अटकलें भी लगाई जा रहीं हैं। कहा यह भी जा रहा है कि हो सकता है संगठन स्तर पर कोई नई व्यवस्था बनाई जाए। वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संभव है कि अब बीजेपी में संभागीय संगठन मंत्री की व्यवस्था को ही खत्म कर दिया जाए। बदली व्यवस्था के तहत संघ के पैटर्न पर मालवा, मध्य और महाकौशल प्रान्त के स्तर पर नई नियुक्ति की जाए। जिसमें संघ के प्रचारकों को बड़ी भूमिका दी जा सकती है। 

इधर, ये माना जा रहा है कि राजगढ़ में प्रदेश पदाधिकारी बैठक के दौरान इस बदलाव की रणनीति पर अंतिम मुहर लगी थी, जिसके बाद संभागीय संगठन मंत्रियों को हटाने का प्रदेश संगठन की ओर से फैसला लिया गया। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि सभी संभागीय संगठन मंत्री को हटाने के पीछे की वजह आखिर क्या हो सकती है?

इससे पहले प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में राजगढ़ में हुई बैठक के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे थे। ये माना जा रहा है कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को घेरने की रणनीति के तहत बीजेपी ने ये बैठक राजगढ़ में बुलाई थी। 

हालांकि, बैठक में तय किया गया था कि विपक्ष के आरोपों का बीजेपी के कार्यकर्ता डटकर जवाब देंगे। कट्टरवाद को समर्थन और अराजकता फैलाने के आरोपों पर कांग्रेस को घेरने की तैयारी बीजेपी करेगी। बैठक में ये कहा गया कि कांग्रेस समाज को तोड़ने और अराजकता फैलाने का काम करती है, लिहाजा कांग्रेस को जवाब देकर एक्सपोज किया जाएगा। बीजेपी के मोर्चों को रणनीति बनाने की ताकीद की गई है। 

इसके अलावा इस बैठक में संगठन के कामकाज से लेकर आने वाले चुनाव तक के लिए रणनीति तय की गई। 2023-24 के लिए संगठन ही शक्ति है का मंत्र पदाधिकारियों को दिया गया। ये तय किया गया है कि संगठन के कामकाज में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी। फ़िलहाल, बीजेपी ने उन सीटों पर अभी से फोकस करने की रणनीति बनाई है जिन पर बहुत कम अंतर से पिछले चुनाव में हार जीत हुई थी।

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