पीएससी मामला विधानसभा में उछला, भूरिया ने कहा रेणु पंत को तुरंत बर्खास्त करो
भोपाल :आज विधानसभा में संविधान संशोधन एवं अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आरक्षण वर्ग की प्रक्रिया को आगामी 10 वर्षों तक बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश विधानसभा का दो दिवसीय सत्र का आज अंतिम दिन था, लेकिन यह अंतिम दिन भी हंगामे के भेंट चढ़ गया, क्योंकि बात कहीं से शुरू हुई थी और कहीं की होने लगी।
कांतिलाल भूरिया जब बोलना शुरू किए तो, पीएससी पेपर में भील आदिवासियों के संदर्भ में किए गए विवादित प्रश्न को लेकर कई तरह के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे आदिवासी बच्चे मानसिक तनाव की वजह से अच्छी तरह से पेपर नहीं दे पाए। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि पीएससी की रेणु पंत को तुरंत पद से हटा देना चाहिए तथा जो मानसिकता मनु वादियों को सपोर्ट करती है उसको तुरंत सिरे से खारिज कर देना चाहिए एवं सरकार को इन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए। इसके साथ ही साथ भूरिया ने यह भी कहा कि मैं 22 साल बाद सदन में आया हूं, पिछली बार जब आया था तो भी सरकार में था इस बार जब आया हूं तो भी सरकार में हूं। भूरिया ने यह भी कहा कि मोदी सरकार मनु वादियों की सरकार है किंतु हम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की सोच वाले लोग हैं और देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माता हेतु ना केवल शामिल करवाया था बल्कि यह उनकी ही दूरदृष्टि की सोच थी जिस पर भारत का संविधान लिखा गया। इस पर विपक्ष के लोगों ने भी हंगामे के साथ बोलना शुरू किया। रामेश्वर शर्मा ने तो यहां तक बोल दिया कि क्या यही कांग्रेस की दयालुता थी जो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को सांसद का चुनाव तक नहीं जिता पाई। विश्वास सारंग ने भी इस दौरान ऊंचे स्वरों में कहा कि कांग्रेस कभी भी भीमराव अंबेडकर को सपोर्ट नहीं करती थी। हंगामे के वावजूद कांतिलाल बोलते रहे। कांतिलाल के बाद मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने भी पीएससी में भील आदिवासियों के प्रश्न का मुद्दा उठाया और सरकार से तुरंत इस मामले में कड़ा एक्शन लेने की बात कही। आपको बता दें कि सदन की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पीएससी से जुड़े मामले में कहा कि इस मामले की जांच के आदेश तत्काल प्रभाव से दे दिए गए हैं और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
नरोत्तम मिश्रा ने भूरिया को ताना मारते हुए कहा-
जब तक संकट दूर नहीं होगा भूरिया का,
तब तक संकट दूर नहीं होगा यूरिया का।