भोपाल के टीआई आलोक श्रीवास्तव को मेडल फॉर एक्सेलेंस इन इन्वेस्टीगेशन, 9 साल की मासूम को दिलवाया था इंसाफ
- जून 2019 को 9 साल की बच्ची के साथ रेप और हत्या की घटना सामने आई थी
- 3 दिन में 38 गवाही 78 साबुत पेश किये थे
- भोपाल में पॉक्सो एक्ट में पहली दोहरी फांसी करवाई थी
भोपाल/स्वाति वाणी :-
राजधानी भोपाल के अशोका गार्डन थाना प्रभारी आलोक श्रीवास्तव को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मेडल फॉर एक्सेलेंस इन इन्वेस्टीगेशन से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कमला नगर थाने के टीआइ रहते हुए जून 2019 में 9 साल की मासूम से दुष्कर्म कर हत्या करने के आरोपित 35 वर्षीय विष्णु भामोरे को फांसी की सजा दिलाई थी। घटना के दौरान वे 3 दिन के अवकाश पर थे। घटना की जानकारी मिली तो वे तुरंत आ गए और उन्होंने 24 घंटे में न केवल आरोपित को गिरफ्तार किया, बल्कि 3 दिन में 78 सबूतों के साथ चालान अदालत में पेश कर दिया और एक माह में केस का ट्रायल पूरा करके आरोपित को दोहरे मृत्युदण्ड की सजा दिलवाई थी। उनका कहना है कि काम को चुनौती के रूप में लेने से यह सब हो पाया था।
भोपाल की मांडवा बस्ती में जून 2019 को 9 साल की बच्ची के साथ रेप और हत्या की घटना सामने आई थी, इस मामले में दोषी विष्णु भामोरे को भोपाल अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई थी| कोर्ट ने रिकॉर्ड समय में सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाया| इस मामले की जांच करने वाले थाना प्रभारी आलोक श्रीवास्तव को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से उत्कृष्टता अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. बता दें कि इस केस में पुलिस ने 108 पेज की चार्जशीट पेश की थी और 40 लोगों को गवाह बनाया था, वारदात के 32 दिन में अदालत का फैसला आ गया| भोपाल के कमला नगर थाना क्षेत्र में 8 जून 2019 को ये वारदात हुई थी, बच्ची सामान लेने किराने की दुकान पर गई थी, विष्णु भामोरे ने वहां से बच्ची को अगवा कर उससे रेप और फिर हत्या कर दी थी| अगले दिन 9 जून को बच्ची की लाश बस्ती के नाले में मिली थी| इस अमानवीय घटना के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया था, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बच्ची की अंतिम यात्रा में शामिल हुए थे, शिवराज सिंह चौहान भी पीड़ित परिवार से मिलने गए थे|
मध्यप्रदेश के 11 पुलिस अधिकारियों को उत्कृष्ट विवेचना के लिए साल 2021 के “यूनियन होम मिनिस्टर्स मैडल फॉर एक्सीलेंस इन इंवेस्टीगेशन” अवार्ड दिया गया है| केंद्रीय गृह मंत्रालय से जारी पत्र के अनुसार निरीक्षक उमेश प्रताप सिंह, आलोक श्रीवास्तव, सुनील लाटा, रेवल सिंह बड्रे, अभय नेमा, अनिमेष कुमार द्विवेदी, सुनील लाटा, जितेन्द्र सिंह भास्कर, और उप निरीक्षक आकांक्षा सहारे, आरती धुर्वे, रामप्यारी धुर्वे और अंजू शर्मा को उत्कृष्ट विवेचना के लिए यह मैडल प्रदान किया गया है