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भोपाल : आईटी पार्क में 5 हजार युवाओं को रोजगार देने का था दावा, लेकिन मिला सिर्फ 450 युवाओं को, 12 कंपनियों ने शुरू किया काम

मध्यप्रदेश/भोपाल : राजधानी के एकलौते आईटी पार्क शुरू होने के 5 साल बाद भी पूरा नहीं जो पाया है, दावा किया गया था की यहां कम से काम 5 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। लेकिन महज 450 युवाओं को ही रोजगार मिल सका। यानि देखा जाये तो हर साल सिर्फ 90 को ही रोजगार मिला, 205 एकड़ के इस आईटी पार्क में 105 प्लॉट  बेचने के लिए तैयार किये गए थे जिसमे से की 89 बिक चुके हैं, लेकिन अभी सिर्फ 14 लोगों ने ही कंस्ट्रक्शन का काम शुरू किया है |

यहाँ जो 12 कंपनियां शुरू हुई, उनमे से 80 % कंपनियां आईटी पार्क की ईमारत में संचालित हो रही हैं, यह ईमारत एक लाख स्क्वायर फ़ीट क्षमता की है और आधी से अधिक खली है| साल 2016 में आईटी पालिसी बनायीं गयी थी जिसके प्रचार प्रसार के बाद भोपाल के अलावा इंदौर, जबलपुर में आईटी पार्क शुरू किये गए। जिसके दौरान एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के अंतर्गत काम करने वाले मेप आईटी संस्था ने तकनिकी सलाह के लिए 150 कंसल्टेंट नियुक्त कर लिए लेकिन अब यह मार्केटिंग मैनेजर बना दिए गए हैं। 

आईटी पार्क में टीसीएस एकमात्र ऐसी कंपनी है, जो बड़ा बेरोजगार दे रही है| बाकि कंपनी काम भी शुरू नहीं कर पा रही है अभी जब इंदौर में बड़ी कंपनियों पर करवाई शुरू हुई तो कुछ कंपनी ओनर्स ने दिखाने के लिए काम शुरू कर दिए थे। 4 से 5 कंपनी ऐसी हैं जिन्होंने 2014 -2015 में प्लाट लिया था, वे अब भी एमपी नगर या बिट्टन मार्किट में किराये की बिल्डिंग चला रहे हैं। उन्होंने कहा था की जब काम ही नहीं मिलेगा तो कंस्ट्रक्शन कर के भी क्या होगा? 

सरकार ने कहा था की सॉफ्टवेयर का काम निजी कंपनियों को देंगे, पर बाद में मेप आईटी के जरिये पूरा काम खुद ही कर रहे हैं| ऐसे में भोपाल में निजी कंपनियों के लिए अब कोई काम नहीं है|  

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