राजा भोज से होनी चाहिए भोपाल की पहचान, गीतकार मनोज मुंतशिर

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बीती शाम गौरव दिवस का आयोजन हुआ। जिसमें प्रसिद्ध गीतकार एवं लेखक मनोज मुंतशिर ने भोपाल का नाम भोजपाल किये जाने की मांग उठाते हुए कहा कि भोपाल की पहचान हमीदुल्ला खान से नहीं राजा भोज से होनी चाहिए। साथ ही लव जिहाद को लेकर कहा कि यह एक सच्चाई है, कब तक कलावा का छलावा चलता रहेगा। लव जिहाद के लिए परिवारों को आगे आना होगा। साथ ही राहुल गांधी के अमेरिका में पीएम मोदी पर दिए बयान पर कहा कि इससे बड़ा छल भारत मां के साथ हो नहीं सकता। आपको शिकायत है तो देश में बोलिये, जिसका जबाब देश में मिल सकता है। जिन लोगों ने देश को 200 साल गुलाम बनाकर रखा आप उनसे कह रहे है लोकतंत्र खतरे में है। साथ ही सवाल पूछते हुए कहा कि बिल्ली दूध की रखवाली करे ऐसा कभी होता है क्या?
मनोज मुंतशिर के बयान पर युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने पलटवार करते हुए कहा कि दरबारी कवियों की मजबूरी होती है आका की खिदमत में चापलूस बने रहने की। मनोज मुंतशिर हुकूमत की चापलूसी से बाहर भी कविता बोलिये। आदिवासी समुदाय से आने पर राष्ट्रपति को सांसद के उद्घाटन से कैसे अलग रखा गया। आदिवासियों के इस अपमान पर भी कविता बोलने का दम दिखाइए ! साथ ही कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार के प्रवक्ता ना बने। मनोज मुंतशिर किसी दिन कहेंगे कि मेरा नाम रख दें भोजपाल। उन्हें बेरोजगारी पर कविताएं लिखना चाहिए। भ्रष्टाचार, महिला अत्याचार पर कविताएं लिख लोगों को सुनाएं। आज प्रदेश के युवा बेरोजगारी से परेशान है। आदिवासी राष्ट्रपति को संसद के उद्घाटन से दूर रखा उस पर मनोज मुंतशिर ने कुछ नहीं कहा है।