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भोपाल : रेमडेसीविर इंजेक्शन जीवन रक्षक नहीं, जिनको लगा उनकी भी मौत हुई – ACS मोहम्मद सुलेमान

मध्यप्रदेश/भोपाल – देश सहित प्रदेश में रेमडेसीविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की मांग हर रोज़ बढ़ती जा रहीं हैं। हालात ये है कि ये इंजेक्शन आउट ऑफ स्टॉक चल रहा हैं। इसी बीच अब इस इंजेक्शन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ हैं। साथ ही सरकार ने इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। 

प्रदेश में कोरोना के मरीज 10 फीसदी ऐसे होंगे जिन्हें रेमडेसीविर इंजेक्शन की जरूरत होगी। बाकी 90 फ़ीसदी मरीजों को इसकी जरूरत नहीं होती है और इसके लिए राज्य सरकार ने इंडियन मेडिकल काउंसिल (IMC) को भी दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि इसको लेकर WHO की गाइडलाइन का पालन किया जाए और रेमडेसीविर इंजेक्शन जरूरी कोरोना पीड़ित को ही दिया जाए। 

सरकार के मुताबिक, रेमडेसीविर इंजेक्शन का इस्तेमाल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए, लेकिन कोरोना के हर मरीज को रेमडेसीविर का इंजेक्शन लगाना गलत हैं।

इधर, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान का कहना है कि MP में ऐसे मरीजों की मौत हुई है जिन्हें रेमडेसीविर इंजेक्शन लगा था। यह इंजेक्शन जीवन रक्षक नहीं है बल्कि विशेष परिस्थितियों में ही इसका इस्तेमाल होना चाहिए।

सुलेमान के मुताबिक, अब तक सरकारी अस्पतालों में इस इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं हो रहा था, लेकिन अब एम्स की गाइडलाइन के तहत इस इंजेक्शन का इस्तेमाल हो सकेगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी हैं। लेकिन फिलहाल कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत इंजेक्शन ले कर अस्पतालों में पहुंचाए जा रहे हैं। ताकि जरूरतमंद मरीजों को इंजेक्शन लग सकें। 

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