भोपाल : भगभदा विश्राम घाट की सुलगती तस्वीर, एक साथ जलती 40 से ज्यादा चिताएं…कब्रिस्तानों में लगाई गई JCB मशीन
मध्यप्रदेश/भोपाल – पहले संक्रमितों के आंकड़े छिपाए और फिर मौतों के। आज न अस्पतालों में जगह है, न ही श्मशानों में। मरीजों को लेकर परिजन दर-दर भटक रहे हैं। शायद यही वजह है कि श्मशान आज सुलगकर अपना सच खुद चीख रहे हैं। गुरुवार को भोपाल में 112 कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार हुआ। जिसमें भदभदा में 72, सुभाष नगर में 30 दाह संस्कार हुए और झदा कब्रिस्तान में 10 शवों को दफन किया गया।
श्मशानों में हालात ऐसे कि अब जगह कम पड़ गई हैं। लकड़ियां खत्म होने को हैं। लकड़ियां जमाते दाह संस्कार करने वालों के हाथों में छाले पड़ चुके हैं और शवों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा हैं।
सरकारी आंकड़ों में भोपाल में गुरुवार को भी सिर्फ 8 मौतें ही दर्ज की गईं। जबकि, पिछले पांच दिनों में 356 संक्रमितों का अंतिम संस्कार भोपाल में हुआ। लेकिन सरकारी आंकड़ों में इसकी संख्या सिर्फ 21 ही बताई गई। इस सुलगती तस्वीर में गिनने जाएंगे तो एक साथ 40 से ज्यादा चिताएं जलती नजर आएंगी। सब की सब कोरोना संक्रमितों की है।
वहीं, अब शहर के कब्रिस्तानों का दम भी फूलता नजर आने लगा है। कोविड से मौत की तरफ जा रहे शवों को दफनाने के लिए चिन्हित झदा कब्रिस्तान अब फुल हाउस का बोर्ड लगाए खड़ा दिखाई दे रहा है। यहां कब्र खोदने वालों के हाथ छालों से भर गए हैं, कब्र खोदने के लिए अब जेसीबी मशीनों का सहारा लेना पड़ रहा है।
गुरुवार को झदा कब्रिस्तान में सबसे ज्यादा जनाजे पहुंचने का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। कमेटी प्रबंधक रेहान गोल्डन ने बताया कि यहां 17 जनाजा पहुंचे, जिनमें से 10 अस्पतालों से आए कोरोना मृतक थे। जबकि 7 ऐसे थे, जिनकी मौत घर पर हुई थी। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल से अब तक झदा कब्रिस्तान में 65 कोरोना जनाजे पहुंच चुके हैं। जबकि 52 ऐसे हैं, जिनकी मौत घरों पर विभिन्न बीमारियों के कारण हुई हैं। रेहान का कहना है कि मौत का सिलसिला पिछली बार की तुलना में दोगुना जैसा हैं।
रेहान ने बताया कि लगातार कब्र खोदने के चलते यहां खुदाई करने वालों के हाथों में छाले हो गए हैं। इस स्थिति के चलते अब जेसीबी मशीनों से खुदाई काम करवाना पड़ रहा हैं।
कमेटी प्रबंधक रेहान गोल्डन के मुताबिक झदा कब्रिस्तान में हर रोज़ कोरोना से मरने वालों की 7 से 10 डेड बॉडी पहुंच रही हैं। जिसके चलते यहां मिट्टी की कमी हो गई हैं। कब्रिस्तान के लिए 1500 से 2 हज़ार मिट्टी की ट्रॉली की ज़रूरत महसूस की जा रही हैं। कब्रिस्तान में मिट्टी डलवाने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान और कलेक्टर से मदद मांगी जा रही हैं।