भोपाल : उपेक्षा से स्थाईकर्मियों में आक्रोश, अपनी मांगो को लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ खोल मोर्चा
- नियमितिकरण सहित इन मांगों को लेकर स्थाईकर्मियों में आक्रोश
- भोपाल के चार इमली रेस्टा हाउस में महा अधिवेशन बुलाया
- मप्र विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी लेंगे हिस्सा
भोपाल/खाईद जौहर : वर्तमान में प्रदेश में 48 हजार स्थाई कर्मी है, जिन्हें 12 से 18 हजार वेतन दिया जा रहा है। जो लंबे समय से नियमितिकरण की मांग कर रहे है। अब इसी मांग को लेकर स्थाई कर्मियों ने मप्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इनकी मांग है कि स्थाई कर्मी नियमित कर्मचारियों के समान सातवां वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति, चिकित्सा सुविधा, चिकित्सा अवकाश सहित आदि समस्त मूलभूत सुविधाएं दी जाएं।
इसी को लेकर आज रविवार को मप्र स्थाईकर्मी कल्याण संघ के नेतृत्व में प्रदेश भर के स्थाई कर्मियों ने भोपाल के चार इमली रेस्टा हाउस में महा अधिवेशन बुलाया है।
स्थाई कर्मी कल्याण संघ के अध्यक्ष का कहना है कि लंबे समय से स्थाई कर्मी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है। पूर्व में दैनिक वेतन भोगी के नाम से जाना जाता था। साल 2016 से स्थाई कर्मी नाम दे दिया है लेकिन शासकीय कर्मचारियों का दर्जा नहीं दिया जा रहा है। 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बावजूद भी न शासकीय कर्मचारियों का दर्जा न शासकीय कर्मचारियों के समान सुविधा मिल रही है। उपेक्षा से स्थाईकर्मियों में आक्रोश है।
बता दे कि आज भोपाल के चार इमली रेस्टा हाउस में प्रदेश के समस्त विभागों समस्त जिलों के स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी सुरक्षा श्रमिकों की मूलभूत समस्याओं पर चर्चा कर 5 सूत्री ज्ञापन तैयार किया जाएगा। जिसमें प्रमुख रूप से विनियमितीकरण शब्द को विलोपित कर स्थाई कर्मियों को नियमित कर्मचारी के समान वेतन भत्ता व अन्य सुविधाएं दी जाएं। खास बात ये है कि इसमें मप्र विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी हिस्सा लेंगे।