भोपाल : हैवानियत के 34 दिन बाद खुली प्रशासन की नींद, अब SIT करेगी जांच, FIR में जोड़ी जाएंगी ये धाराएं
मध्यप्रदेश/भोपाल – राजधानी भोपाल के कोलार में 24 साल की निक्की के साथ हुई हैवानियत के 34 दिन बाद प्रशासन की नींद खुली हैं। शुक्रवार को कलेक्टर अविनाश लवानिया और डीआईजी इरशाद वली ने निक्की से घर जाकर मुलाकात की, और मामले की जांच के लिए एसआईटी बना दी। इतना ही नहीं पुलिस ने एफआईआर में रेप की कोशिश और जानलेवा हमले की धारा भी जोड़ दी।
पुलिस की कार्रवाई पर उठे कई सवाल
वारदात के 34 दिन बाद धाराओं में इजाफा हुआ, पहले क्यों नहीं?
एसआईटी के इंचार्ज वही क्यों, जो पहले से ही क्षेत्र के सीएसपी हैं?
पुलिस ने छात्रा के बयान के आधार पर एफआईआर पहले क्यों नहीं लिखी?
पुलिस ने थाने में पीड़िता की मां के सामने से आरोपी अनिल बोरकर को क्यों गुजारा, जबकि उसकी शिनाख्त सिर्फ पीड़िता ही कर सकती है।
निक्की ने जिस जांच अधिकारी पर सवाल उठाएं, उन्हीं श्वेता शर्मा को मुख्य जांच अधिकारी क्यों बनाया?
पीड़िता निक्की का कहना है कि घटना के अगले दिन ही उसने पुलिस को दिए बयान में हर एक चीज़ का जिक्र किया था। जबकि, जांच अधिकारी श्वेता शर्मा का तर्क है कि पहले दिन निक्की ने वो सब नहीं बताया था। हालांकि, डीआईजी ने मामले में कोलार थाना टीआई सुधीर अरजरिया की लापरवाही मानी। पहले टीआई का सस्पेंशन ऑर्ड टाइप हुआ, लेकिन दोपहर बाद सिर्फ नोटिस देकर जवाब मांगा गया।
बता दे कि एसआईटी की कमान हबीबगंज सीएसपी भूपेंद्र सिंह के हाथ रहेगी। टीम में महिला सब इंस्पेक्टर श्वेता शर्मा मुख्य जांच अधिकारी होंगी। एक अन्य सब इंस्पेक्टर और एएसआई भी शामिल रहेंगे। एसआईटी टीम का कहना है कि फरियादी पक्ष के बयान फिर दर्ज होंगे। केस डायरी का रिव्यू होगा। अब तक की जांच के तथ्य खंगाले जाएंगे। आरोपी की गिरफ्तारी का क्या आधार रहा, यह भी जांचेंगे।
इस से पहले पीड़िता ने कहा था कि जितना दर्द उस दरिंदे ने दिया, उतना ही अब पुलिस गुमराह कर रही हैं। पुलिस तीन दिन तक कहती रही कि आरोपी कोई परिचित ही होगा। लेकिन 20 दिन बाद अचानक उन्होंने बताया कि महाबली नगर के एक युवक ने गुनाह कबूल कर लिया हैं। उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन आज तक उस शख्स को मुझे नहीं दिखाया। मेरी मां व्हील चेयर, स्ट्रेचर पर मुझे थाने ले जाने के लिए तैयार हैं, ताकि मैं आरोपी की पहचान कर सकूं, लेकिन पुलिस न तो आरोपी का फोटो दिखा रही है, न ही आमना-सामना करा रही हैं। मैंने आरोपी की आवाज का ऑडियो मांगा, ताकि उसकी पहचान कर सकूं, लेकिन पुलिस ने ये भी नहीं दिया। ये जानलेवा हमला था, रेप की कोशिश थी, फिर भी पुलिस इसे सामान्य मारपीट का केस मान रही हैं।
इधर, पीड़िता की मां का आरोप है कि पुलिस ने जिस आरोपी को गिरफ्तार किया है, वो घटना के सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे शख्स से अलग हैं। लेकिन पुलिस का कहना है कि निक्की ने आरोपी का जो हुलिया, उम्र बताई, वो अनिल से मिलती हैं। आरोपी ने वारदात के समय नीले रंग की हूडी पहनी थी, ये उससे जब्त भी की गई हैं। एक प्रत्यक्षदर्शी ने भी उसकी पहचान की हैं।