Gwalior : युवक में थे कोरोना के लक्षण ,डॉक्टरों ने दवाई देकर घर भेजा ,दो घण्टे बाद हुई मौत
Gwalior News ,Gautam Kumar
एक तरफ जहां पूरा देश इस करना नामक महामारी से लड़ने में लगा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ बड़े-बड़े अस्पतालों की ओपीडी में बैठे डॉक्टर इसकी गंभीरता को नहीं समझ पा रहेें हैं। ऐसा ही एक मामला ग्वालियर में देखने को मिला सूत्रों की माने तो ग्वालियर के शुभम चौरसिया को खांसी थी और सांस लेने में तकलीफ थी। डॉक्टरों का कहना है कि उसे टी बी था।लेकिन शुभम के पिता का कहना हैै कि उसे यह तकलीफ पिछले 4-5 दिनों से थी। यहां तक कि डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने की बजाय सिर्फ दवा देकर वापस भेज दिया। जिसके बाद युवक ने दम तोड़ दिया। साफ तौर पर देखा जा सकता है कि युवक में कोरोंना के लक्षण हो सकते थे।
एक तरफ जहां देशभर के स्वास्थ्य कर्मी अपनी जी जान से से महामारी से लड़ने में जुटे हैं। वैसे मैं दूसरी तरफ ग्वालियर के डॉक्टरों की ऐसी लापरवाही प्रशासन की पोल खोल रहा है । युवक की मौत के बाद रविवार सुबह अधिकारियों और डॉक्टरों की टीम उसके घर पहुंची टीम ने उसके पिता मां और बहन को जिला अस्पताल में isolation में रखा है। डॉक्टरों का कहना है कि वह टी बी का मरीज था ल। पिता को सर्दी और खांसी है इसलिए उनका सैंपल लिया गया है जबकि शुभम के पिता का कहना है कि उसे 5 दिन से ही यह तकलीफ हुई थी।
वही ग्वालियर में ही एक दूसरे मामले में पुरानी छावनी निवासी धर्मेंद्र सिंह रविवार को जेएएच अस्पताल की ओपीडी में पहुंचा ,उसने डॉक्टरों को बताया कि वह मुरैना में एक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। यह वही कार्यक्रम था जिसमें एक साथ 12 लोग कोरोंना संक्रमित पाए गए थे। उसे भी खांसी हो रही थी और सांस लेने में तकलीफ भी थी इसलिए डॉक्टरों ने पहला उसका सैंपल लिया और उसके बाद उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया जहां उसे अभी आइसोलेशन में रखा गया है।