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बंगाल: ममता सरकार को बड़ा झटका, शुभेन्द्र अधिकारी ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा

बंगाल: ममता सरकार को बड़ा झटका, शुभेन्द्र अधिकारी ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा

  • शुभेन्द्र अधिकारी ममता सरकार में थे ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर
  • आंतरिक कलह से जूझ रही है TMC, 2021 के चुनाव से पहले नेताओं को मनाने की तैयारी

राजकमल पांडे

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. टीएमसी पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी  ने शुक्रवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. शुभेंदु अधिकारी ममता सरकार में परिवहन मंत्री के पद पर तैनात थे. बीते कई दिनों से उन्होंने बगावती रुख अपनाया हुआ था. बागी रुख अपनाने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को हुगली रिवर ब्रिज कमिश्नर के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद इस पद पर तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी की तुरंत नियुक्ति कर दी गई. शुभेंदु अधिकारी लंबे अरसे से राज्य कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. वे अपनी जनसभाओं में न तो पार्टी के झंडे का प्रयोग कर रहे हैं और न ही मुख्यमंत्री व पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी की तस्वीरों का.
उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना जतायी जा रही है और हुगली रिवर ब्रिज कमिश्नर पद से उनके इस्तीफे के बाद इसकी संभावना और बढ़ गई है. भाजपा ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्योता भी दिया है.

आंतरिक कलह से जूझ रही है TMC, 2021 के चुनाव से पहले नेताओं को मनाने की तैयारी
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं, इसके मद्देनजर एक ओर जहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) विपक्षी भाजपा से मुकाबले की तैयारियों में व्यस्त है वहीं दूसरी ओर पार्टी के अंदर उपज रहे असंतोष से निपटने की चुनौती भी उसके सामने है. पार्टी के अनेक सदस्यों ने नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठाई है. पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले वर्ष अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं.
राज्य के परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी समेत पार्टी के कई पदाधिकारियों ने ममता बनर्जी शासन के खिलाफ खुले तौर पर शिकायतें की हैं. ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेता असंतुष्टों को शांत करने के उपाय खोज रहे हैं. अधिकारी बीते कुछ महीनों से पार्टी के शीर्ष नेताओं से दूरी बनाकर रखी है. कार्यकर्ताओं के बीच उनकी अच्छी पैठ है और बनर्जी के बाद पार्टी में वह दूसरे क्रम पर माने जाते हैं. माना जा रहा है कि पार्टी ने उनसे बातचीत शुरू कर दी है. अधिकारी का पूर्वी मिदनापुर और जंगलमहल क्षेत्र की करीब 45 सीटों में प्रभाव माना जाता है. हालांकि पार्टी का एक वर्ग उनके अगले कदम को लेकर आशंकित भी है.

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