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शिवराज सरकार के 100 दिन पूर्ण लेकिन अतिथिविद्वान नियमितीकरण हेतु अब भी प्रतीक्षारत,शिवराज-सिंधिया की जोड़ी से है उम्मीद- अतिथिविद्वान

शिवराज सरकार के 100 दिन पूर्ण लेकिन अतिथिविद्वान नियमितीकरण हेतु अब भी प्रतीक्षारत

शिवराज-सिंधिया की जोड़ी से है नियमितीकरण की उम्मीद- अतिथिविद्वान

 भोपाल / गरिमा श्रीवास्तव:-मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के पश्चात प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अपने प्रथम 100 दिवस सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिए है।किन्तु इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि जिस मुद्दे के कारण प्रदेश से कांग्रेस पार्टी की कमलनाथ सरकार की विदाई हुई एवं एक बार पुनः प्रदेश में शिवराज सिंह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी,अतिथिविद्वान नियमितीकरण का वह मुद्दा अब भी अधूरा ही है।अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा में संयोजक एवं महासंघ के अध्यक्ष डॉ देवराज सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अतिथिविद्वानों के संघर्ष के स्वयं साक्षी रहे है।उनके अथक प्रयासों से ही अतिथिविद्वानों का मुद्दा विधानसभा के पटल पर छाया रहा था।अब जबकि वो स्वयं प्रदेश के मुखिया है,हमें पूर्ण विश्वास है कि वे जल्द से जल्द अतिथिविद्वानों के नियमितीकरण की दिशा में सकारात्मक निर्णय लेंगे।हालांकि इस दौरान पूरे देश के साथ साथ प्रदेश भी कोरोना संकट से जूझता रहा किन्तु शिवराज सिंह चौहान कोरोना काल के इस संकटकालीन समय से प्रदेश को उबारने में हर संभव प्रयास करते दिखाई पड़ रहे है।
फालेन आउट अतिथिविद्वान बहाली हेतु अब भी प्रतीक्षारत:-
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने अपने वादे के उलट लगभग 2700 अतिथिविद्वानों को कालेज से फालेन आउट करके दिसम्बर 2019 में बेरोजगार कर दिया था।तब से अब तक सभी फालेन आउट अतिथिविद्वान पुनः अपनी बहाली हेतु प्रतीक्षारत हैं।पहले मंत्रिमंडल विस्तार की बात कही जा रही थी।जबकि अब वो बाधा भी दूर हो चुकी है।छह माह की बेरोजगारी से फालेन आउट अतिथिविद्वानों एवं उनके परिवार के समक्ष रोज़ी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा सरकार से जल्द फालेन आउट अतिथिविद्वानों की बहाली की मांग करता है।तत्काल सेवा बहाली और उप चुनाव से पहले अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण कर सरकार प्रदेश की जनता के विश्वास को पुनः कायम करे साथ ही शिवराज और महराज की जोड़ी इस निर्णय के साथ अपने नैतिक दायित्व पूरे करे।
जिस मुद्दे पर भाजपा की सरकार में वापसी हुई, वो मुद्दा अब तक अपूर्ण क्यों?
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार में वापसी ही अतिथिविद्वान नियमितीकरण के मुद्दे पर हुई है।श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार के अतिथिविद्वान नियमितीकरण का वचन न पूरा होने पर चेतावनी देते हुए  सड़क पर उतर कर विरोध करने की बात कही थी।बाद में इसी मुद्दे पर कांग्रेस सरकार का पतन हो गया।मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह सहित वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों डॉ नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव,विश्वास सारंग सहित संगठन के कई वरिष्ठ नेताओं का समर्थन अतिथिविद्वानों के ऐतिहासिक शाहजहानी पार्क के आंदोलन को मिलता रहा था।डॉ मंसूर अली का कहना है कि अब जबकि प्रदेश में शिवराज-सिंधिया की जोड़ी निर्णायक भूमिका में है, तथा वे अतिथिविद्वानों की पीड़ा से भली प्रकार परिचित भी है।इस विषय पर जल्द निर्णय लिया जाना चाहिए।पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जो अतिथिविद्वानों के नियमितीकरण का प्रस्ताव बनाया था, वह भी शिवराज सिंह चौहान व विपक्ष के भारी दबाव के कारण ही बनाया था।अब न तो कोई गतिरोध है कोई अवरोध,सरकार तत्काल सभी फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों को सेवा में वापस ले और  सभी अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण कर अपना वादा पूरा करे।

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