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MP:- शिक्षा की यह दशा..! अतिथि विद्वान बने तेंदूपत्ता मजदूर,

MP:- शिक्षा की यह दशा..! अतिथि विद्वान बने तेंदूपत्ता मजदूर, 

 मध्यप्रदेश में अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण अब तक नहीं हो सका है. जिसमें लोग डाउन के वक्त अब स्थिति यह हो गई है कि अतिथि विद्वानों को मजदूरी करना पड़ रहा. इनके पास अब कोई रास्ता नहीं है और परिवार का पेट भी पालना है.

 अतिथि विद्वानों की स्थिति अभिया हो गई है कि इन्हें तेंदूपत्ता तोड़ कर अपने परिवार का भरण पोषण करना पड़ रहा है.अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने बताया है कि संगठन की ओर से कई बार मुख्यमंत्री और अधिकारियों को मई जून तक सत्र बढ़ा कर मानदेय दिलवाने का निवेदन कर चुके हैं लेकिन सरकार की तरफ से अतिथि शिक्षकों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया गया है..

 जाने कब तक अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण होगा. जब सत्ता में कांग्रेस सरकार थी तब भी इन अतिथि विद्वानों के साथ छलावा हुआ उस वक्त शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण होगा पर सत्ता में भाजपा की सरकार तो आ गई पर अतिथि विद्वानों के स्थिति जस की तस है…

 उस वक्त शिवराज सिंह चौहान ने बड़े-बड़े वायदे किए थे पर अब सब वादे ठंडे पड़ चुके हैं… अतिथि विद्वानों की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. जाने आने वाले दिनों में अतिथि विद्वानों को और क्या क्या करना पड़ेगा….!

 

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