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सिवनी : पीएम के आदेश कि धज्जियां उड़ाकर लॉकडाउन में भी लोन की क़िस्त चुकाने के लिए गरीब महिलाओं को तंग कर रहे हैं एजेंट

  • प्रधानमंत्री के आदेश को धता बताकर सोशल डिस्टेंस की धज्जियाँ उड़ा रहे माइक्रोफायनेंस कम्पनी के ऐजेण्ट
  •  गरीब महिलाओं को धमकाकर कर रहे लोन की वसूली

धूमा, सिवनी

देश में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगा हुआ है। गरीब मजदूर तबके के लोगों के पास काम नहीं है, उनकी खस्ताहाल माली हालत को देखते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉकडाउन अवधि में तीन माह तक एवं अगामी आदेश तक किसी भी प्रकार के लोन की वसूली या किश्तों पर रोक लगा दी है। प्रधानमंत्री के इस आदेशानुसार लोन लेने वाला व्यक्ति उक्त किश्तें अगले माहों में सुगमतापूर्वक जमा कर सकेगा! इस अवधि में सम्बन्धित बैंक अथवा फायनेंस कम्पनियाँ हितग्राही पर दबाव नहीं बनायेंगी।

किश्त वसूली के लिये ये ऐजेण्ट महिलाओं को फोन करके घरों में जाकर धमका रहे हैं 

परन्तु सिवनी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब महिलाओं को समूह बनाकर लोन देने के नाम पर फल-फूल रही माइक्रोफायनेंस कम्पनियों के ऐजेण्ट प्रधानमंत्री के आदेश को ठेंगा दिखाकर गरीब महिलाओं को लोन की किश्तें चुकाने के लिये मजबूर कर रहे हैं। यही नहीं किश्त वसूली के लिये ये ऐजेण्ट महिलाओं को फोन करके अथवा उनके घरों में जाकर धमका भी रहे हैं। बेरोजगार रहते हुये गम्भीर आर्थिक तंगी झेल रही गरीब महिलायें इनके अकड़ वाले रवैये से प्रताड़ित हैं।  इन वसूली ऐजेण्ट्स के हौसले इतने बुलन्द हैं कि प्रतिबंधित समय में किश्त वसूली के साथ लॉकडाउन अवधि में महिलाओं का झुंड बनावाकर सोशल डिस्टेंस की भी धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। 

“फ्यूजन” माइक्रोफायनेंस कम्पनी का मामला 

ताजा मामला जिले के धूमा गाँव का है, जहाँ सन्तनगर मोहल्ले की कुछ गरीब मजदूर महिलाओं ने रोजगार करने के उद्देश्य से “फ्यूजन” माइक्रोफायनेंस कम्पनी से नौ महिलाओं का समूह बनाकर लोन लिया था! जिसकी किश्तें प्रतिमाह निर्धारित तारीख को इस कम्पनी के ऐजेण्ट वसूली किया करते थे। परन्तु देश पर आयी कोरोना की आपदा के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इन महिलाओं व इनके परिवार के रोजगार के सभी रास्ते बन्द हो गये, ऐसे में लोन की किश्तें चुकाना बिल्कुल असम्भव है। इस विकट परिस्थिति में प्रधानमंत्री के तीन माह तक किश्तों में छूट वाले आदेश से इनको राहत हो सकती थी। परन्तु इनको लोन देने वाली माइक्रोफायनेंस कम्पनी फ्यूजन के ऐजेण्ट अनिक राज द्वारा लोन लेने वाली महिलाओं को फोन पर किश्त चुकाने के लिये लगातार दबाव बनाया गया। महिलाओं द्वारा अभी किश्तों चुकाने में असमर्थता जताने पर उक्त ऐजेण्ट अनिक राज अपने साथी के साथ सन्तनगर मोहल्ला आ धमका।  

पीएम के आदेश कि उड़ा रहा धज्जियां

लोन लेने वाली सभी महिलाओं पुष्पा डेहरिया, ललिता आरमोर, रेखा युवने, सरिता डेहरिया, कल्लूबाई उईके आदि को सामने बिठाकर लोन की किश्तें चुकाने के लिये तरह तरह से बाध्य किया। लोकनीति सम्वाददाता ने जानकारी मिलते ही उक्त स्थान पर जाकर देखा कि एक युवक सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन कराके महिलाओं को समूह में बैठाकर किश्त चुकाने के लिये विवश कर रहा है। सम्वाददाता को देखकर ऐजेण्ट युवक वहाँ से फरार होने लगा, बहुत मुश्किल से उसने अपना व अपनी कम्पनी का नाम बताया। मामूली जानकारी देकर एवं बहाने बनाकर युवक बहाने बनाकर भाग खड़ा हुआ। वहाँ उपस्थित महिलाओं ने बताया कि यह ऐजेण्ट बार बार फोन करके किश्तें चुकाने के धमकाता है! पिछले लॉकडाउन एवं कर्फ्यू के दौरान भी इसके द्वारा फोन करके ऑनलाइन किश्त चुकाने के लिये मजबूर किया जाता था! महिलाओं ने जब कहा कि कर्फ्यू के कारण दुकाने बन्द हैं, घर से निकलना सम्भव नहीं है ऐसे में घर की कोई वस्तु बेचकर कैसे किश्त चुकायेंगे! यही नहीं हर शुक्रवार या सोमवार को आकर हमें एकट्ठा करके लोन की किश्त या ब्याज चुकाने के लिये मजबूर किया जाता है। 

महिलाओं का क्या कहना  

महिलाओं का कहना है कि महामारी के दौरान जब पूरा देश बन्द है, ऐसे में हम कोई काम धन्धा नहीं कर पा रहे हैं! हमारे जीवनयापन के लिये शासन द्वारा जो राशन, गैस एवं राहत राशि दी जा रही है उसी में हम इस विकट परिस्थिति से लड़ रहे हैं! अत: अभी हमारी स्थिति किसी भी प्रकार किश्त चुकाने की नहीं है! लॉकडाउन खुलने के बाद शासन के नियमानुसार हम मेहनत मजदूरी करके लोन की रकम चुका देंगे! परन्तु ऐजेण्ट द्वारा चक्रवृद्धि ब्याज की बात कहकर हमें डराया जाता है! कहीं ऐसा न हो कि हमें अपने घर की वस्तुयें बेचकर किश्त चुकाना पड़े! क्योंकि ऐजेण्ट द्वारा आने वाले दिन में दोबारा किश्त लेने आने की बात कही जा रही है!
     

“हमने पहले भी लोन लिया था, जिसे चुका दिये हैं! इस बार लॉकडाउन के कारण रोजगार नहीं है, लेकिन हम किश्तें चुकायेंगे! कम्पनी के ऐजेण्ट बहुत परेशान करते हैं, हमने कम्पनी के हेडऑफिस में फोन लगाकर इस बारे में बताया था! वहाँ की मैडम ने कहा था कि  लॉकडाउन के बाद चुका देना!”

                                                                                                                           रेखा युवने (हितग्राही महिला) 

“धूमा में हुये मामले की जानकारी है! हमें केवल समझाने का अधिकार है! हम शासन के नियम के अनुसार कार्य कर रहे हैं!”

                                                                                                                              सन्दीप पटेल (ब्लॉक मैनेजर, फ्यूजन कम्पनी)

(संवाददाता महेंद्र नायक की रिपोर्ट)

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