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पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्र को मिली बड़ी सफलता , प्रतिबंधित संगठनों ने किया समझौता

Bhopal Desk, Gautam : पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्र को मिली बड़ी सफलता , प्रतिबंधित संगठनों ने किया समझौता
तमाम आन्दोलनों के बीच पूर्वोत्तर राज्यों से केंद्र सरकार को बड़ी सफलता हाथ लगी है। काफी लंबे समय से जारी प्रतिबंधित संगठनों का संघर्ष अब थम गया है। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बोडो संगठनों का केंद्र-असम सरकार के साथ समझौता हुआ। इसी के साथ इन संगठनों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने की बात की और बोडोलैंड की मांग नहीं करने का दावा किया है।

 

                        

 

समझौता हुआ है, उसमें क्या खास है जानें

  • असम की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखते हुए, उनकी मांगों का अंतिम और व्यापक समाधान किया गया है।
  • समझौते के बाद, एनडीएफबी गुट हिंसा के मार्ग को छोड़ देंगे, अपने हथियारों को आत्मसमर्पण करेंगे और समझौते पर हस्ताक्षर करने के एक महीने के भीतर अपने सशस्त्र संगठनों को विस्थापित कर देंगे।
  • एनडीएफबी (पी), एनडीएफबी (आरडी) और एनडीएफबी (एस) के लगभग 1500 कैडरों का जीओआई और असम सरकार द्वारा पुनर्वास किया जाएगा।
  • एक विशेष विकास पैकेज रबोडो क्षेत्रों के विकास के लिए विशिष्ट परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1500 करोड़ दिए जाएंगे।
  • बोडो आंदोलन में लगभग 4000 लोग मारे गए।
  • यह ऐतिहासिक समझौता असम राज्य में शांति, प्रगति और समृद्धि की एक नई सुबह की शुरूआत करेगा।  

 

                         

 

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सोमवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए। यहां अमित शाह ने कहा कि आज भारत सरकार, असम सरकार और बोडो संगठन के चार समूहों के बीच समझौता हुआ है, ये सुनहरे भविष्य का दस्तावेज है। इस दौरान असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल समेत पूर्वोत्तर के अन्य बड़े नेता शामिल हुए।

भारत सरकार को नार्थ ईस्ट में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है । गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में बोडो प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच 50 साल पुराने बोडो संकट को समाप्त करने के लिए भारत सरकार, असम सरकार और बोडो प्रतिनिधियों के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ।यह समझौता उत्तर पूर्व की प्रगति और क्षेत्र के लोगों के सशक्तीकरण के लिए पीएम मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

 

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